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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma’s Blog: यूपी चुनाव में अब योगी बनाम अखिलेश की लड़ाई

Rajat Sharma’s Blog: यूपी चुनाव में अब योगी बनाम अखिलेश की लड़ाई

चुनाव प्रचार के रफ्तार पकड़ते ही योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma, Blog, Rajat Sharma Blog on UP Polls- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार अब ज़ोर पकड़ चुका है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता पश्चिमी और मध्य यूपी में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, आरएलडी चीफ जयंत चौधरी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी चुनावी रैलियों को संबोधित करने में व्यस्त हैं। योगी शुक्रवार को गोरखपुर से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। बुधवार को उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 4 चुनावी रैलियों को संबोधित किया।

चुनाव प्रचार के रफ्तार पकड़ते ही योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। योगी ने अपनी रैलियों में आरोप लगाया कि दो ‘लड़के’ चुनाव लड़ने के लिए अब फिर साथ आ गए हैं, लेकिन जब 5 साल पहले मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, उनमें से एक लड़का लखनऊ में दंगाइयों के नेता को सम्मानित कर रहा था, जबकि दूसरा लड़का दिल्ली में बैठकर तमाशा देख रहा था और कह रहा था कि दंगाइयों के खिलाफ ज्यादा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने योगी के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी।

एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'योगी जी जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देती। लगता है योगी को अपनी मनपसंद सीट से टिकट नहीं मिला, इसलिए वह गुस्से में हैं, उन्हें गर्मी लग रही है, लेकिन 10 मार्च को नतीजे आने के बाद वह शांत हो जाएंगे।’

अखिलेश यादव पर हमले में योगी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, पहले की सरकारों में मुख्यमंत्री सबसे पहले अपना बंगला बनवाते थे, लेकिन उनके 5 साल के शासन में यूपी में 43 लाख गरीब परिवारों के लिए घर बनवाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकारी खजाने का अधिकांश पैसा तत्कालीन सीएम के ‘इत्र वाले मित्रों’ की जेब में चला जाता था। योगी ने कहा, ‘वे केवल नाम से समाजवादी हैं, लेकिन इनका काम ‘दंगावादी’ और सोच ‘परिवारवादी’ है।’

अखिलेश ने चेतावनी दी कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो योगी के खिलाफ दर्ज सभी पुराने आपराधिक मामले फिर से खोल दिए जाएंगे। लेकिन इन सब बातों का योगी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। योगी ने आरोप लगाया कि सपा के शासन के दौरान यूपी में तमंचों की फैक्ट्रियां चलती थीं, लेकिन बीजेपी की सरकार डिफेंस कॉरिडोर बना रही है और यहां तोपें बनेंगी। योगी ने कहा कि पहले की सरकार में गैंगस्टर और माफिया का शासन चलता था, जबकि बीजेपी के शासन के दौरान भ्रष्ट माफियाओं की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया गया। योगी ने कहा, ‘ये बुलडोजर अब रुकने वाले नहीं हैं।’

दोनों की बातें सुन कर मैंने पाया कि कि अपने चुनाव प्रचार के शुरुआती दौर में अखिलेश अपने शासन की उपलब्धियां गिनवाते थे, और अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर नई योजनाओं को लागू करने का वादा करते थे। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि छोटे दलों के साथ गठबंधन करने के बाद अखिलेश की ज़्यादातर ताकत और वक्त गठबंधन को बचाए रखने में खर्च हो रहा है।

जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, अखिलेश अपने सहयोगियों की सफलता पर ज्यादा भरोसा करते नजर आ रहे हैं। अखिलेश अब अपराध, भ्रष्टाचार और दंगाइयों पर ज्यादा नहीं बोलते। इसकी वजह यह है कि उनकी पार्टी और उनके सहयोगियों ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कई उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इससे योगी को अखिलेश पर हमला करने का मौका मिल गया है। अब योगी अपराधियों और माफिया को टिकट दिये जाने की बात को प्रमुखता से उठा रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ बड़ी चतुराई से दोनों बातें करते हैं। वह अखिलेश सरकार की कमियां बताते हैं और फिर अपने शासन के दौरान किए गए काम गिनवाते हैं। जब वह कहते हैं कि पिछली सरकारों में नेताओं ने बंगले बनवाए, उसी सांस में वह बता देते हैं कि उनकी सरकार ने गरीबों के लिए 43 लाख घर बनवाए।

इसके बाद योगी उन अवैध तमंचा फैक्ट्रियों की बात करते हैं जो पिछली सरकार के दौरान पनपे थे, और फिर इसकी तुलना डिफेंस कॉरिडोर से करते हैं जो हमारी सेना के लिए तोपें बनाएगा। फिर वह मतदाताओं को याद दिलाते हैं कि कैसे अखिलेश ने उन नेताओं को सम्मानित किया जिनका हाथ मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे था और उसी सांस में यह भी याद दिला देते हैं कि कैसे उनकी सरकार ने अपराधियों, दंगाइयों और भ्रष्ट माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा और उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 2 फरवरी, 2022 का पूरा एपिसोड

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