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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'सम्मेद शिखर तीर्थस्थलों को जैन समुदाय के हवाले किया जाए’, धर्मगुरु नयपद्मसागर ने सरकार से कीं ये 3 प्रमुख मांगें

'सम्मेद शिखर तीर्थस्थलों को जैन समुदाय के हवाले किया जाए’, धर्मगुरु नयपद्मसागर ने सरकार से कीं ये 3 प्रमुख मांगें

श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल को टूरिस्ट प्लेस न बनाया जाए इसे लेकर जैन समाज देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहा है। इसी मुद्दे को लेकर इंडिया टीवी ने जैन समाज के धर्मगुरु नयपद्मसागर जी महाराज से चर्चा की।

जैन धर्मगुरु नयपद्मसागर जी महाराज pics, naypadmasagarji maharaj, photos- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK ACCOUNT जैन धर्मगुरु नयपद्मसागर जी महाराज

देश के अलग-अलग जगहों पर जैन समाज ''श्री सम्मेद शिखर तीर्थ" को टूरिस्ट प्लेस बनाने और शत्रुंजय पर्वत पर भगवन आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। उनकी मांग है कि सम्मेद शिखर तीर्थस्थलों को टूरिस्ट प्लेस न बनाया जाए। इसी मुद्दे को लेकर इंडिया टीवी ने जैन समाज के धर्मगुरु नयपद्मसागर जी महाराज से चर्चा की। धर्मगुरु नयपद्मसागर ने ''श्री सम्मेद शिखर तीर्थ" को टूरिस्ट प्लेस बनाने को लेकर अपने विचार साझा किए और कहा कि जैन समुदाय खुद से इन तीर्थस्थलों की देखभाल कर सकता है और इसे खुद से विकसित कर सकता है। इसे टूरिस्ट प्लेस बनाकर हमारे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ होगा। ऐसे में केंद्र सरकार से मेरी 3 प्रमुख मांगे हैं। जिसे मैं समझता हूं कि सरकार हमारी इन प्रमुख मांगों पर जरूर विचार करेगी।

धर्मगुरु नयपद्मसागर की 3 प्रमुख मांगें

1. धर्मगुरु ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गुजरात के पालीताना गिरिराज और झारखंड के सम्मेद शिखर जी ये दो तीर्थस्थलों को जैन समुदाय के हवाले किया जाए।

2. दोनों तीर्थस्थलों की पवित्रता को बरकरार रखते हुए वहां कोई पर्यटनस्थल न बनाया जाए। साथ ही दोनों तीर्थस्थलों के 10 किलोमीटर की रेडियस में मांसाहार और किसी भी प्रकार का धूम्रपान, मदिरापान पर पाबंदी लगे।

3. जैन समुदाय 25 करोड़ लोगों को रोजीरोटी देता है, सबसे ज्यादा टैक्स देता है, ऐसे में इन तीर्थस्थलों को खुद जैन समुदाय को अपने तरीके से विकसित करने दिया जाए। वहां खान-पान और रहने की सारी व्यवस्था जैन समाज करेगा।

सरकार इसे तीर्थ स्थल ही रहने दें

जैन मुनि ने कहा कि इन दो तीर्थस्थलों पर जैन तीर्थंकर और कई अन्य लोगों को मोक्ष मिला है। इन पवित्र स्थलों के पर्यटन स्थल होने से इनकी पवित्रता नष्ट होगी। जैसे हरिद्वार में अन्य कुछ धार्मिक जगहों पर मांस-मदिरा बैन है वैसे ही हमारी इस मांग पर सरकार हमें सहयोग करे। पर्यटन स्थल होगा तो होटल के कमरे के अंदर कौन क्या खा-पी रहा कौन कैसे नजर रखेगा इसलिए इसे तीर्थस्थल ही रहने दें।

4 जनवरी को जैन समाज करेगा आंदोलन

धर्मगुरु नयपद्मसागर ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर हमें विश्वास है। वो पवित्र आत्मा हैं। उन्होंने कई धार्मिक स्थलों का विकास किया है। वो हमारी भावना और आस्था को समझेंगे। वह जल्द ही इस मुद्दे को सुलझाएंगे। इस मुद्दे पर ओवैसी, मुस्लिम धर्मगुरु या अन्य धर्म के जो लोग हमारा सहयोग समर्थन कर रहे उनका शुक्रिया। अबु आज़मी और जो लोग विरोध कर रहे उनके प्रति भी कोई घृणा नहीं है। हम प्रेम, अहिंसा और शांति के पुजारी हैं। हमारा आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से अहिंसा के मार्ग से होगा। 4 जनवरी के आंदोलन में जैन साधुसंत भी शामिल होंगे।

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