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आंत में हो सकती है ये गंभीर बीमारी, पेट में होने वाले इस तरह के दर्द को न करें इग्नोर

क्रोंस बीमारी में आपके पाचन तंत्र में सूजन आ जाती है, जिसके कारण तेज पेट दर्द होने लगता है और शरीर को आपके द्वारा खाने में लिये गए पौष्टिक तत्व और ऊर्जा पूरी तरह नहीं मिल पाती है। कई स्थितियों में ये रोग जानलेवा होता है इसलिए इसे एक खतरनाक बीमारी मान

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हेल्थ डेस्क: क्रोंस बीमारी में आपके पाचन तंत्र में सूजन आ जाती है, जिसके कारण तेज पेट दर्द होने लगता है और शरीर को आपके द्वारा खाने में लिये गए पौष्टिक तत्व और ऊर्जा पूरी तरह नहीं मिल पाती है। कई स्थितियों में ये रोग जानलेवा होता है इसलिए इसे एक खतरनाक बीमारी माना जाता है।

इस बीमारी का मुख्य कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने के कारण कोई वायरस या बैक्टीरिया आंतों तक पहुंचकर इसे प्रभावित कर सकता है जिससे आंतों में सूजन आ सकती है और ये बीमारी हो सकती है। इसके अलावा ये अनुवांशिक कारणों से भी होती है। परिवार में किसी अन्य सदस्य को ये बीमारी होने पर इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

क्रोंस डिज़ीज़ के लक्षण

पेट में दर्द (ज़्यादातर भोजन के बाद या पहले)
पेट में तीव्र ऐंठन
गंभीर दस्त
बदबूदार मल और वो भी दिन में 10 से 12 बार
भूख ना लगना और कमज़ोरी महसूस होना
बुखार
इनके अलावा शरीर में खून की कमी भी हो सकती है, स्किन रैश, आर्थराइटिस और आंखें में सूजन भी आ सकती है। हालांकि, कई लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनके चलते यह बीमारी बढ़ जाती है और फिर बाद में उन्हें पछतावा होता है।

आप स्पेशलिस्ट के पास नहीं जाते

क्रोहन काफी कॉम्पलेक्स डिज़ीज़ है, और इसका ट्रीटमेंट भी मरीज़ की कंडीशन को मद्देनज़र रखते हुए बीच-बीच में बदलता रहता है। अगर आपको इस बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं, तो डाइजेस्टिव सिस्टम स्पेशलिस्ट यानी गैसट्रोएंट्रोलॉजिस्ट के पास जाएं। इसके लिए डॉक्टर की एक टीम आपकी मदद करेगी। इनमें न्यूट्रिशनिस्ट होगा, रेडियोलॉजिस्ट और सर्जन।

आप ट्रीटमेंट प्लान को फॉलो नहीं करते

क्रोहन डिज़ीज़ को ठीक करने में लंबा वक्त लगता है। इसके लिए धैर्य की ज़रूरत होती है। अगर आपको ट्रीटमेंट के बीच में ठीक भी महसूस होने लग जाए, तो दवाईयां लेनी बंद नहीं करनी चाहिए। कई लोग डॉक्टर की सलाह के बिना ही बीच में ट्रीटमेंट रोक देते हैं। लेकिन, इसका कोर्स लॉन्ग-टर्म होता है। दवाई बीच में बंद करने से दोबारा से परेशानी शुरू हो सकती है।

आपकी डाइट ठीक नहीं है

क्रोहन डिज़ीज़ के दौरान, डाइट का पूरा ख्याल रखना होता है। हालांकि, इसमें पहले कुछ नहीं कह सकते कि आपको कौनसे फूड आइटम्स खाने चाहिए और कौनसे नहीं। जिन फूड प्रोडक्ट्स से आपके लक्षण तीव्र होते हैं, उन्हें डाइट से हटाना पड़ता है। इसके लिए आपको अपने खान-पान पर ट्रैक रखना होता है। इस बीमारी के दारौन ठीक से खाना इसीलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि इसमें शरीर ज़रूरी न्यूट्रिशन अब्ज़ॉर्ब नहीं कर पाता। ऐसे में अगर डाइट के ज़रिए आपकी बॉडी में ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स नहीं जा रहे, तो डॉक्टर आपको सप्लीमेंट्स देते हैं।

आप डॉक्टर के पास नहीं जाते

डॉक्टर ने आपको जिस दिन बुलाया होता है, आप आलस के कारण उस दिन नहीं जाते और जब मन करता है, तब जाते हैं। ऐसे में ट्रीटमेंट ठीक तरह से नहीं हो पाता और दवाईयों का असर भी ठीक से नहीं होता। डॉक्टर के पास टाइम पर जाना ज़रूरी है, ताकि वो आपकी दवाईयों में बदलाव कर सके। कई बार डॉक्टर मरीज़ में दवाईयों के साइड इफेक्ट्स भी चेक करते हैं, इसीलिए डॉक्टर की अपॉइंटमेंट कभी मिस न करें।

आप स्मोक करते हैं

डॉक्टर के मना करने के बावजूद भी आप स्मोक करते हैं। क्रोहन डिज़ीज़ में ट्रीटमेंट का एक हिस्सा यह भी है कि आप स्मोकिंग छोड़ दें, क्योंकि इससे लक्षण तीव्र होते हैं। स्मोकिंग ना करने से कैंसर, हार्ट डिज़ीज़ और कई खतरनाक बीमारियों के रिस्क भी कम हो जाते हैं।

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