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अगर आप है डायबिटीज के मरीज, तो रमजान में ध्यान रखें ये बातें

करनाल स्थित भारती अस्पताल के कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट व साउथ एशिया फैडरेशन ऑफ एंडोक्राइन सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. संजय कालरा ने बताया कि पहली और सबसे अहम सलाह यह है कि जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें रमजान के दौरान अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना

diabetes- India TV Hindi Image Source : PTI diabetes

हेल्थ डेस्क: रमजान के पवित्र महीने में डायबिटीज के मरीजों का अपना ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। वे खूब पानी पीएं और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाएं। यह कहना है एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा का। वह कहते हैं कि रमजान शारीरिक प्रणाली और मन को शुद्ध करने की अच्छी प्रक्रिया है, लेकिन इससे होने वाले स्वास्थ्य के खतरों को भी समझना चाहिए।

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कुरान के मुताबिक, किसी रोग से पीड़ित लोगों को रोजे में छूट है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बीमार होने के बावजूद महीना भर रोजा रखते हैं, इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें डायबिटीज जैसी बीमारी है। इसलिए जरूरी है कि लंबे समय तक भूखे रहने के प्रभावों के बारे में जागरूक हुआ जाए, खासकर जिन्हें टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज है, उन्हें खास ध्यान रखना होगा।

रोजे के घंटे हर रोज सूर्य उदय होने व सूर्य अस्त होने के अनुसार तय होते हैं। इस बार रमजान गर्मियों में है, तो रोजे का वक्त 15 घंटे तक लंबा भी हो सकता है। खाने के दौरान लंबा अंतराल शरीर के अंदर पाचनतंत्र में बदलाव ला सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए समस्या पैदा कर सकता है।

करनाल स्थित भारती अस्पताल के कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट व साउथ एशिया फैडरेशन ऑफ एंडोक्राइन सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. संजय कालरा ने बताया कि पहली और सबसे अहम सलाह यह है कि जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें रमजान के दौरान अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कभी-कभार उपवास के दौरान पौष्टिकता और शूगर के स्तर में काफी बदलाव आ जाता है, जिससे मरीज को हाइपोग्लिसीमिया हो सकता है। यह अचानक ब्लड शूगर कम होने का संकेत होता है और मरीज बेहोश हो सकता है या सीजर हो सकता है।

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