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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ सावधान! कहीं आपको नींद में बुरे सपने तो नहीं आते, हो सकती हैं ये बीमारी

सावधान! कहीं आपको नींद में बुरे सपने तो नहीं आते, हो सकती हैं ये बीमारी

हेल्थ डेस्क: कई लोगों के साथ ये समस्या होती है कि वह ननींद में बहुत ही बुरे-बुरे सपने देखते है। जिसके कारण कई बार वह डर जाते हैं। अगर आप नींद में बार-बार बुरे सपने देखते हैं और ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए।

nightmares cause of Post traumatic stress disorder

ऐसे बचे इस बीमारी से
पीड़ित की मनोदशा में जल्दी सुधार और आघात के लक्षण कम करने के लिए चिकित्सक 'मूड एलिवेटर' थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए सम्मोहन (हिप्नोसिस) का भी सहारा लिया जाता है। जो काफी हद तक कारगर सिद्ध हुए हैं।

मनोचिकित्सकीय तकनीक:

1.संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (कागनेटिव बिहेवरल थेरेपी): यह एक वैज्ञानिक वातार्लाप की विधि है। इसके तहत दर्दनाक घटनाओं से उपजी गलत सोच के बारे में पीड़ित से बात की जाती है।

2. आघात केंद्रित सीबीटी: यह विधि में पीड़ित को आघात संबंधी वार्ता के लिए प्रोत्साहित कर उसकी झिझक दूर करने सहित चिंता दूर करने की कोशिश की जाती है।

3. नेत्र विचेतन और पुर्नलोकन: इसके अंतर्गत पीड़ित को चिकित्सक की उंगली को देखते हुए अपने आघात के बारे में बातें करने को कहा जाता है। इससे माना जाता है कि पीड़ित के लक्षण में काफी सुधार संभव है। पीटीएसडी के उपचार में यह सबसे कारगर तरीका है।

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