A
Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ इन चीजों को ज्यादा खाने से हो सकती है हार्ट प्रॉब्लम, इस तरह करें बचाव

इन चीजों को ज्यादा खाने से हो सकती है हार्ट प्रॉब्लम, इस तरह करें बचाव

हमारी लाइफलाइन मतलब हमारी धड़कन या दिल। इसलिए सबसे जरूरी है आप अपने दिल का खास ख्याल कैसे रखे। खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग पर कई तरह के साइडइफेक्टस होते हैं।

<p>heart problem</p>- India TV Hindi heart problem

नई दिल्ली: हमारी लाइफलाइन मतलब हमारी धड़कन या दिल। इसलिए सबसे जरूरी है आप अपने दिल का खास ख्याल कैसे रखे। खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग पर कई तरह के साइडइफेक्टस होते हैं। हमारा दिल पूरी जिंदगी बिना रुके काम करता रहता है। ऐसे में सेहतमंद शरीर के लिए दिल का खयाल रखना बेहद जरूरी है। इसके बावजूद भारत में दिल की बीमारियों के चलते हर साल कई मौतें होती हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि आपकी खाने-पीने की आदतें आपके दिल को बहुत बीमार कर रही हैं? अगर हम अपने खान-पान पर ध्‍यान दें तो काफी हद तक दिल को सेहतमंद रख सकते हैं। डाइट में सुधार करने से कोलेस्‍ट्रॉल लेवल और ब्‍लड प्रेशर कम होता है। इन्‍हीं बातों को ध्‍यान में रखते हुए हम आपको यहां पर 10 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें सेहतमंद दिल की खातिर आपको हरगिज नहीं खाना चाहिए:

इन चीजों को ज्यादा खाने से हार्ट की प्रॉब्लम हो सकती है

आलू और मकई के चिप्‍स 
आलू और मकई के चिप्‍स में भरपूर मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम, कार्ब्‍स और ऐसी बहुत सी चीजें पाई जाती हैं जो आपकी सेहत और दिल के लिए बिलकुल भी अच्‍छी नहीं हैं। शोधों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि जो लोग एक दिन में 200 मिलिग्राम से ज्‍यादा सोडियम खाते हैं वो दिल की बीमारी से मरने वाले 10 लोगों में से एक होते हैं। आलू और मकई के चिप्‍स में सैचुरेटेड फैट होता है जो पेट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। यही नहीं इन चिप्‍स में जरूरत से ज्‍यादा नमक होता है जो दिल की कई बीमारियों के लिए जिम्‍मेदार है।

एनर्जी ड्रिंक्‍स 
एनर्जी ड्रिंक्‍स में ग्‍वाराना और टॉराइन जैसे नैचुरल एनर्जी बूस्‍टर्स होते हैं। ये जब कैफीन के संपर्क में आते हैं तो आपके दिल की धड़कन एकदम से बढ़ जाती है। एनर्जी ड्रिंक्‍स में बहुत ज्‍यादा मात्रा में कैफीन होती है जिससे अरिदम‍िया यानी कि अतालता की शिकायत हो सकती है। अतालता का मतलब है आपके दिल की धड़कनों की लय में परिवर्तन। जब धड़कनें बहुत तेज होती हैं, तो इसे त्रैकार्डिया कहा जाता है और जब हृदय धीमी गति से धड़कता है, इसे ब्राडीकार्डिया कहते हैं। अतालता का सबसे प्रमुख लक्षण है दिल की अनियमित धड़कन।

सोडा 
सोडा पीने से जलन होने के साथ ही ब्‍लड शुगर  लेवल बढ़ सकता है। यही नहीं सोडा आर्टरी (दिल से शरीर के बाकी हिस्‍सों तक खून ले जाने वाली धमनी ) की दीवारों पर तनाव पैदा कर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा देता है। रोजाना के खान-पान में सोडा का इस्‍तेमाल जानलेवा साबित हो सकता है। 

ब्‍लेंडेड कॉफी 
ब्‍लेंडेड कॉफी में काफी मात्रा में कैलोरीज़ और फैट पाया जाता है। इसमें चीनी भी भरपूर मात्रा में होती है, जो ब्‍लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए काफी है। यही नहीं इस तरह की कॉफी में मौजूद कैफीन भी ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ा देती है और इसका सेवन खासतौर पर डायबिटीज और हार्ट पेशंट के लिए बहुत ज्‍यादा हानिकारक है। 

तला हुआ चिकन 
किसी भी तरह के तले-भुने खाने में भरपूर मात्रा में ट्रांस फैट पाया जाता है। यह न सिर्फ हमारी हेल्‍थ के लिए खतरनाक है बल्‍कि हमारी कमर को जरूरत से ज्‍यादा चौड़ा करने के लिए भी जिम्‍मेदार है। इस तरह की चीजें हमारे शरीर में ऑक्‍सीडेंट ले आती हैं जो एंटी-ऑक्‍सीडेंट की दुश्‍मन हैं। खाने को डीप फ्राई करने के लिए गरम तेल का इस्‍तेमाल किया जाता है। गरम तेल भोजन के विटामिन और एंटीऑक्‍सीडेंट को नष्‍ट कर ऐसे ऑक्‍सीडेंट बनाता है जिससे कोश‍िकाओं को नुकसान पहुंचता है। 

पिज्‍जा 
पिज्‍जा फैट और सोडियम का घर है। इसके क्रस्‍ट में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और सोडियम पाया जाता है। पिज्‍जा में मौजूद चीज़ इस सोडियम और फैट को और ज्‍यादा बढ़ाने का काम करती है। यही नहीं पिज्‍जा सॉस में भी जरूरत से ज्‍यादा सोडियम होता है। इन चीजों के सेवन से आर्टरी ब्‍लॉक हो सकती है। अगर आप पिज्‍जा के शौकीन हैं तो मैदे के बजाए गेहूं के आटे और ऑलिव ऑयल से  बने क्रस्‍ट का इस्‍तेमाल करें। 

मार्जरीन
मार्जरीन का इस्‍तेमाल मक्‍खन के विकल्‍प के तौर पर किया जाता है। इसे हाइड्रोजनेटेड ऑयल से बनाया जाता है, जो ट्रांस फैट का प्रमुख स्रोत है। यह हमारे शरीर के कोलेस्‍ट्रॉल को बढ़ा देता है। यह न केवल हमारी दिल की सेहत के लिए हानिकारक है बल्‍कि यह स्किन एजिंग प्रॉसेस को तेज कर देता है। यानी कि समय से पहले हमारी त्‍वचा बूढ़ी होने लगती है। मार्जरीन के बजाए ऑलिव ऑयल का इस्‍तेमाल करना चाहिए। 

लाल मांस 
लाल मांस यानी कि रेड मीट में ढेर सारा सैचुरेटेड फैट, कोलेस्‍ट्रॉल और नमक होता है। ऐसे में लाल मांस महीने में एक बार खाने की सलाह दी जाती है। 

Latest Lifestyle News