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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ Congo Fever: जानलेवा कांगो फीवर से जोधपुर में 2 की मौत, जानें कांगो बुखार क्या है, लक्षण और बचाव

Congo Fever: जानलेवा कांगो फीवर से जोधपुर में 2 की मौत, जानें कांगो बुखार क्या है, लक्षण और बचाव

इस समय कान्गो बुखार तेजी से भारत में दस्तक दे चुका है। जानें इस जानलेवा बीमारी के बारे में सबकुछ...

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Congo Fever: जोधपुर के एम्स में भर्ती एक महिला व एक पुरुष की क्रीमियन-कांगो हैमोरेजिक फीवर (सीसीएचएफ) नामक बुखार से मौत हो गई। इसकी जानकारी राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने गुरुवार को दी। मंत्री ने कहा कि मृतक महिला जोधपुर की थी, जबकि पुरुष जैसलमेर का था।

 

मंत्री ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य टीम ने अब तक 136 नमूने एकत्र किए हैं और इनमें से जिन पीड़ितों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी उनमें दो की मौत हो गई है।

पशुओं से फैलती है ये बीमारी
शर्मा ने कहा, "जैसे ही यह रिपोर्ट सामने आई कि यह बीमारी एक पशु से फैलने वाली है, तो हमने तुरंत एक टीम भेजी। इसके बाद एक समन्वय समिति बनाई, जो इस सारी स्थिति की निगरानी कर रही है। यह पशुपालन विभाग के साथ काम कर रही है।"

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उन्होंने कहा, "क्षेत्र में वायरस के फैलने की जांच करने के लिए हर जगह साइपरमेथ्रिन का छिड़काव किया जा रहा है। अगर किसी को बुखार, उल्टी, दस्त और गर्दन में दर्द के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।"

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मंत्री ने कहा, "ऐसे सभी रोगियों की 14 दिनों तक निगरानी की जाएगी। यह एक फैलने वाला रोग है और इसका वायरस जानवरों से पैदा होता है। इसलिए हम विशेष सावधानी अपना रहे हैं।"

क्या है कांगो बुखार?
यह बुखार सबसे पहले यूरोप और अफ्रीका समेत कई देशों में पाया गया था। यह इंफेक्शन सबसे पहले 1944 में क्रिमिया में हुआ। इसके बाद इस वायरस ने काफी नुकसान पहुंचाया। जिसके बाद इस वायरस का नाम ' क्रिमियन कांगो' नाम रखा गया है। साल 2001 में पाकिस्तान, ईरान के साथ-साथ अफ्रीका से इसके कई मामले सामने आए है।

क्रिमियन कांगो बुखार के लक्षण

  • अचानक से बुखार आ जाना।
  • गर्दन में दर्द
  • सिरदर्द
  • आंखों में जलन
  • फोटोफोमिया
  • पीठ में दर्द होना
  • अधिक उल्टी आना।
  • गले बुरी तरह से बैठ जाना।
  • इस बुखार में कई अंग फेल भी हो जाते है।
  • मूड बदलता रहना।
  • तनाव
  • दिल की धड़कने तेज हो जाना।
  • स्किन में रैशेस पड़ जाना।

ट्रीटमेंट
एक  एंटीवायरल दवा रिबाविरिन (ribavirin ) का यूज किया जाता है। जिससे कांगो फीवर के संक्रमण को कंट्रोल किया जाता है।

इसके लक्षण बहुत ही समान है। अगर आपको लगे कि आपको ऐसे लक्षण नजर आ रहे है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

खासतौर पर पालतू जानवरों की सफाई का ध्यान रखें। क्योंकि हम पालतू जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैस के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बीताते है। इससे सबसे ज्यादा इस बीमारी के होने के चांस है।

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