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Guru Purnima 2021: आज गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, विशेष संयोग और पूजा विधि

 आज पूर्णिमा का व्रत और कल स्नान-दान की पूर्णिमा मनायी जाएगी। कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं।

Guru Purnima 2021: 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, विशेष संयोग और पूजा विधि- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/GEETA_UPDESH_ Guru Purnima 2021: 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, विशेष संयोग और पूजा विधि

आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और दिन शुक्रवार है। चतुर्दशी तिथि सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक थी। उसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो गई है। आप लोगों को पता ही होगा कि जब पूर्णिमा दो दिनों की होती है, तो पहले दिन पूर्णिमा का व्रत और दूसरे दिन स्नान-दान करके पुण्य प्राप्त किया जाता है ।

दरअसल जिस दिन पूर्ण रूप से चंद्रमा उदय होता है उसी दिन व्रतादि की पूर्णिमा मनायी जाती है और आज आकाशमंडल में पूर्ण रूप से चंद्रमा उदयमान रहेगा। पूर्णिमा तिथि पर सूर्योदय के समय स्नान-दान का भी महत्त्व बताया गया है और पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय  होगा, इसलिए स्नान-दान की पूर्णिमा 24 जुलाई को मनायी जाएगी। कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। 

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पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार गुरू पूर्णिमा शुक्रवार 23 जुलाई 2021 को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 24 जुलाई शनिवार की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। इसके साथ ही चंद्रोदय का समय 23 जुलाई शाम 7 बजकर 10 मिनट पर है।

पूर्णिमा में बन रहे हैं विशेष संयोग
सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक वैधृति योग रहेगा। इसके साथ ही दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला रवि योग रहेगा। इसके आलावा दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा।

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पूर्णिमा की दिन जरूर करें स्नान-दान

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पूर्णिमा पर दिये गये दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है। पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, कपास, घी, फल, अन्न, कम्बल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। साथ ही किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए। शास्त्रों में इस दिन सबसे अधिक प्रयागराज में स्नान-दान का महत्व बताया गया है, लेकिन अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर, पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें और गायत्री मंत्र का जाप करें। 

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर मंदिर जाकर देवी-देवता का नमन करें।  इसके बाद इस मंत्र का उच्‍चारण करें- 'गुरु परंपरा सिद्धयर्थं व्यास पूजां करिष्ये'। 

इसके अलावा आप चाहे तो इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ 

इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा अर्चना करें। इसके लिए फल, फूल, रोली लगाएं। इसके साथ ही अपनी इच्छानुसार भोग लगाएं। फिर धूप, दीपक जलाकर आरती करें। 

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