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अडाणी एंटरप्राइजेज, डीआईएएल समेत चार कंपनियों ने जेवर हवाईअड्डे के लिए लगाई बोली

अडाणी इंटरप्राइजेज और दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लि. (DAIL) समेत चार बोलीदाताओं ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिये बोली लगायी है।

जेवर एयरपोर्ट । सांकेतिक तस्वीर- India TV Paisa जेवर एयरपोर्ट । सांकेतिक तस्वीर

नोएडा। अडाणी इंटरप्राइजेज और दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लि. (DAIL) समेत चार बोलीदाताओं ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिये बोली लगायी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। करीब 29,560 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एनसीआर में बनने वाले इस दूसरे हवाईअड्डे के लिए कंपनी के चयन को लेकर आमंत्रित तकनीकी बोलियां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (एनआईएएल) के ग्रेटर नोएडा दफ्तर में खोली गयी। 

एनएआईएल के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया ने कहा, 'दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (डीआईएएल), ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी, अडाणी इंटरप्राइजेज लि. तथा एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स होल्उिंग्स लि. ने तकनीकी बोली जमा कराई थी।' उन्होंने कहा, 'अब हवाईअड्डा के विकास को लेकर कंपनियों की तकनीकी पात्रता का आकलन किया जाएगा। उसके आधार पर योग्य कंपनी का चयन 29 नवंबर को किया जाएगा। उसी के साथ उसी दिन हवाईअड्डे के लिए अलग प्राप्त वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी। बोली प्रति यात्री लागत के आधार पर की जा रही है।' 

भाटिया ने कहा कि चार बोलीदाताओं से प्राप्त दसतावेजों का अध्ययन परामर्शदाता कंपनी पीडब्ल्यूई आकलन करेगी और एनआईएएल को एक सपताह में उस पर रिपोर्ट देगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद रिपोर्ट को परियोजना निगरानी और क्रियान्वयन समिति (पीएमआईसी) को दी जाएगी और कंपनी के चयन के बारे में निर्णय किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित हवाईअड्डे के लिये एनआईएएल ने कंपनी के चयन को लेकर 30 मई को वैश्विक निविदा जारी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जिले में वृहत परियोजना के प्रबंधन के लिए एनएआईएल का गठन किया था।

जेवर एयरपोर्ट बनने में कितना आएगा खर्च ?

साल 2023 से जेवर एयरपोर्ट अपनी सेवाएं देना शुरू कर देगा। एयरपोर्ट का निर्माण साल 2020 से प्रारंभ होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर एयरपोर्ट की नींव 1 अक्टूबर 2018 को रखी थी। एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 5000 करोड़ खर्च किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है, इसमें सालाना 1 करोड़ 20 लाख यात्रियों को हवाई सेवाएं दी जाएंगी। जेवर एयरपोर्ट के चारों चरणों को मिलाकर लगभग 20 से 30 हजार करोड़ खर्च होने की बात कही जा रही है। अंतिम चरण का निर्माण 2040 तक बताया जा रहा है और उस समय एयरपोर्ट की यात्री क्षमता सात करोड़ यात्री सालाना तक हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं, एक राजधानी लखनऊ में चौधरी चरण सिंह और दूसरा वाराणसी  में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है और अब तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर में बनने जा रहा है।

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