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Hindi News पैसा बिज़नेस तिरुपति बालाजी मंदिर: भगवान वेंकटेश्वर को भक्त ने दान किए सोने के हाथ, कीमत जान उड़ जाएंगे होश

तिरुपति बालाजी मंदिर: भगवान वेंकटेश्वर को भक्त ने दान किए सोने के हाथ, कीमत जान उड़ जाएंगे होश

तिरुपति बालाजी मंदिर चढ़ाना चढ़ाने को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। यहां शनिवार को भगवान वेंकटेश्वर को एक भक्त ने सोने के दो नए 'अभया हस्तम' और 'कति हस्तम' (हाथ में पहनने के जेवर) चढ़ाए, जिनकी कीमत 2.25 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

<p>devotee to donate 6 kilo gold jewelry worth over 2.25...- India TV Paisa Image Source : ANI devotee to donate 6 kilo gold jewelry worth over 2.25 crore in Tirupati Balaji temple

तिरुपति (आंध्रप्रदेश)। तिरुपति बालाजी मंदिर चढ़ाना चढ़ाने को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। यहां शनिवार को भगवान वेंकटेश्वर को एक भक्त ने सोने के दो नए 'अभया हस्तम' और 'कति हस्तम' (हाथ में पहनने के जेवर) चढ़ाए, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इनकी कीमत 2.25 करोड़ रुपए है। 'अभय हस्तम' और काति हस्तम' का वजन 6-6 किलो है।  बता दें कि 'अभया हस्तम' और 'कति हस्तम' एक तरह के सोने के जेवर होते हैं जो भगवान के हाथ में पहनाए जाते हैं।

बताया जा रहा है कि इन हाथों को सुबह की पूजा के वक्त भगवान को अर्पित किया गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु के थेनी जिले के कपड़ा कारोबारी थंगा दुराई ने यह जेवर भगवान को अर्पित किए हैं। कहा जा रहा है कि थंगा दुराई की मन्नत पूरी होने पर उन्होंने ये फैसला लिया है। बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर की काफी मान्यता है और हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं।  

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बची जान, पूरी कर रहे मन्नत 

पत्रकारों से बात करते हुए थंगा दुराई ने बताया कि मैं अपने बचपन से भगवान वेंकटेश्वर के इस पावन धाम में आता हूं। कुछ साल पहले मैं बीमार पड़ गया था और मौत के करीब पहुंच गया था। मेरे बचने की थोड़ी ही उम्मीद बाकी रह गई थी लेकिन जब भगवान वेंकटेश्वर से प्रार्थना की और कई सारे चढ़ावा चढ़ाने की मन्नत मांगी तो मुझे जीवन दान मिल गया। 

एक अनुमान के मुताबिक देश का सबसे धनी मंदिर माने जाने वाले आन्ध्र प्रदेश के तिरुमाला में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के खजाने में ही लगभग सात टन सोना और 30 टन चांदी जमा है। इस स्वर्ण-रजत भंडार में श्रद्धालु दिन-प्रतिदिन वृद्धि ही करते जा रहे हैं। गौरतलब है कि मंदिरों में पड़ा सोना देश की अर्थव्यव्स्था में इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इसीलिए सरकार इस जमा सोने को अर्थव्यवस्था में वापस लाने के लिए अब प्रोत्साहन दे रही है।

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