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Hindi News पैसा बिज़नेस फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ की ऋण योजनाओं को बंद करने के लिए प्रस्तावित ई-मतदान स्थगित, निवेशकों के फंसे 28,000 करोड़

फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ की ऋण योजनाओं को बंद करने के लिए प्रस्तावित ई-मतदान स्थगित, निवेशकों के फंसे 28,000 करोड़

गुजरात उच्च न्यायालय ने योजनाओं को बंद करने के लिए ई-मतदान की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

franklin templeton mutual fund - India TV Paisa Image Source : GOOGLE franklin templeton mutual fund 

नई दिल्ली। फ्रेंकलिन टेम्पलटन एमएफ ने अपनी छह ऋण योजनाओं को बंद करने पर फैसला करने के लिए प्रस्तावित इलेक्ट्रॉनिक मतदान की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। यह मतदान 9 जून से 11 जून के बीच होना था। इसके साथ ही 12 जून को होने वाली निवेशकों की ऑनलाइन बैठक को भी स्थगित कर दिया गया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ई-मतदान और निवेशकों की बैठक को रोकने का आदेश दिया था और इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए फंड हाउस की याचिका को भी खारिज कर दिया था।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ ने एक बयान में कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के आठ जून 2020 के आदेश के अनुसार, बंद की गईं योजनाओं के संबंध में 9-11 जून 2020 को प्रस्तावित ई-मतदान और 12 जून 2020 को होने वाली निवेशकों की बैठक को अगली सूचना तक के लिए टाल दिया गया है।

फंड हाउस ने ई-मतदान के दौरान प्रभावित निवेशकों को दो विकल्प दिए थे या तो न्यासियों द्वारा संपत्ति का विमुद्रीकरण किया जाए या फिर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीसरे पक्ष की सेवाएं ली जाएं। इन पेशकश के अलावा निवेशकों के पास इन दोनों प्रक्रियाओं को नकारने का विकल्प भी था, लेकिन इससे संपत्ति के विमुद्रीकरण में देरी ही होगी।

इस संबंध में निवेशकों ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फंड हाउस द्वारा ऋण योजनाओं को बंद करना गैरकानूनी था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने योजनाओं को बंद करने के लिए ई-मतदान की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। कंपनी ने बॉन्ड बाजार में नकदी की कमी और निवेशकों द्वारा अपनी धनराशि वापस लेने के दबाव का हवाला देते हुए अप्रैल में छह ऋण योजनाओं को बंद कर दिया था।

ये योजनाएं थीं फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटी फंड। इन योजनाओं में निवेशकों के करीब 28,000 करोड़ रुपए फंसे हैं।

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