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Hindi News पैसा बिज़नेस भविष्य में निवेश के लिए शीर्ष तीन पसंदीदा जगहों में भारत का नाम, चीन से हुआ मोह भंग

भविष्य में निवेश के लिए शीर्ष तीन पसंदीदा जगहों में भारत का नाम, चीन से हुआ मोह भंग

रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 तक भारत को दुनिया का प्रमुख विनिर्माण केंद्र या तीन शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक बन जाने वाला माना।

India amongst top three choices for future investments, finds survey of MNCs - India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO India amongst top three choices for future investments, finds survey of MNCs

नई दिल्‍ली। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में भारत अगले दो-तीन साल में निवेश के लिए शीर्ष तीन पसंदीदा जगहों में से एक बनकर उभरा है। सर्वेक्षण में शामिल दो तिहाई कंपनियों ने भविष्य में अपना निवेश देश में करने की इच्छा जताई है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने परामर्श कंपनी ईवाई के साथ मिलकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सर्वेक्षण किया था। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 तक भारत को दुनिया का प्रमुख विनिर्माण केंद्र या तीन शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक बन जाने वाला माना। वहीं भारत से बाहर मुख्यालय वाली 25 प्रतिशत बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने भविष्य के निवेश के लिए भारत को पहली पसंद बताया। कंपनियों ने भारत का चुनाव बाजार की क्षमता, कुशल कार्यबल की उपलब्धता और राजनीतिक स्थिरता के बिंदुओं पर किया। इसके अलावा नीतिगत सुधार, सस्ता श्रम और कच्चे माल की उपलब्धता उनके निवेश को आकर्षित करने वाले अन्य कारक रहे। सर्वेक्षण के आधार पर सीआईआई ने कहा कि हाल में देश में कारोबार सुगमता, कॉरपोरेट कर में कटौती, श्रम कानूनों का सरलीकरण, एफडीआई सुधार जैसे कई नीतिगत बदलाव हुए हैं। यह नए निवेश को लाने वाले प्रमुख कारक हैं।

भारत से बाहर मुख्‍यालय वाली बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों का मानना है कि इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में भारी निवेश और 100 स्‍मार्ट शहरों के साथ ही साथ फाइनेंशियल सेक्‍टर में सुधार एफडीआई के लिए भारत को पसंदीदा स्‍थान बनाने में मददगार होंगे। सर्वे में खुलासा हुआ है कि 80 प्रतिशत से अधिक उत्‍तरदाता और भारत से बाहर मुख्‍यालय वाली 71 प्रतिशत उत्‍तरदाताओं ने अगले दो-तीन सालों में वैश्विक निवेश की योजना बनाई है। लगभग 30 प्रतिशत कंपनियों की योजना 50 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करने की है।

सीआईआई-ईवाई का यह सर्वे बताता है कि भारत अगला ग्‍लोबल इनवेस्‍टमेंट हॉटस्‍पॉट होगा। इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट, फास्‍ट क्लियरेंस, लेबर लॉ में बदलावों का उचित तरह से पालन और श्रम उपलब्‍धता तीन शीर्ष प्राथमिकताएं हैं जिनपर सरकार को ध्‍यान केंद्रित करना चाहिए। इसके बाद रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इन्‍नोवेशन, टैक्‍स सुधार का नंबर आता है।

सर्वे के परिणाम बताते हैं कि ट्रेड पॉलिसी रिफॉर्म के मामले में निवेशक चाहते हैं कि एक्‍सपोर्ट और इंपोर्ट में कम समय लगे, कार्गो हैंडलिंग में सुधाार और ट्रेड को बढ़ावा देने वाले उपाय किए जाएं।  

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