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Telecom AGR dues: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगा वोडाफोन-आइडिया का भारत में व्यापार

वोडाफोन-आइडिया ने फिर से कहा है कि कारोबार जारी रखना इस बात पर निर्भर होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन की मांग वाली याचिका पर सकारात्मक फैसला आता या नहीं।

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नई दिल्ली। समायोजिक सकल आय (एजीआर) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारी-भरकम कर्ज और लगातार घाटे के कारण वित्तीय संकट से जूझ रही निजी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने शनिवार को कहा कि कंपनी यह आकलन कर रही है कि वह कितनी राशि चुका पाएगी, अगले कुछ दिन में इसकी जानकारी दी जाएगी। कंपनी ने कहा कि दूरसंचार विभाग से तुरंत भुगतान की मांग का पत्र मिला है। वोडाफोन-आइडिया ने फिर से कहा है कि कारोबार जारी रखना इस बात पर निर्भर होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन की मांग वाली याचिका पर सकारात्मक फैसला आता या नहीं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दूरसंचार विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों से तुरंत एजीआर  भुगतान की मांग की है।

वोडाफोन आइडिया ने अपने बयान में कहा कि एजीआर का सांविधिक बकाया चुकाने का प्रस्ताव रखा है। कंपनी ने कहा कि कारोबार का भविष्य उच्चतम न्यायालय के निर्णय में संशोधन के लिए दायर याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा। गौरतलब है कि एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद वोडाफोन-आइडिया के भविष्य पर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, इस मामले में एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि वोडाफोन आइडिया एनसीएलटी में जा सकती है और वह मामले को स्वीकार कर लेता है तो बैंकरप्टसी लॉ के तहत बकाया चुकाने पर रोक लग जाएगी और इस तरह कंपनी को भुगतान नहीं करना पड़ सकता है।

एजीआर मामले में 17 मार्च को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि 24 अक्टूबर 2019 के आदेश और दूसरी याचिका रद्द होने के बावजूद एजीआर की बकाया रकम क्यों नहीं चुकाई? क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

लगातार छठी तिमाही में घाटा

वोडाफोन आइडिया पर 53,038 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। बीते गुरुवार को कंपनी की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी हुए हैं, जिसमें उसे 6,439 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। यह लगातार छठी तिमाही है, जब कंपनी को नुकसान हुआ है। शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी का शेयर 23 प्रतिशत लुढ़ककर 3.44 रुपए पर बंद हुआ। बता दें कि, वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला पहले ही कह चुके हैं कि भुगतान में राहत नहीं मिली तो कंपनी बंद करनी पड़ेगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के बीते शुक्रवार के आदेश के बाद यह सवाल उठ रहे थे कि वोडाफोन-आइडिया रकम का इतंजाम करेगी या फिर दिवालिया प्रक्रिया में जाने का विकल्प चुनेगी?

वोडाफोन-आइडिया बंद हुई तो 11700 नौकरियां जाने का जोखिम

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया पर अनिश्चितता की वजह से 11,700 प्रत्यक्ष और 1 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार भी खतरे में आ गए हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर में 20 लाख रोजगार खत्म हो चुके हैं। आरकॉम ने पिछले साल दिवालिया प्रक्रिया में जाने फैसला लिया था।

जानिए क्या है एजीआर

समायोजिक सकल आय/अडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलिकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है। इसके दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस, जो क्रमश 3-5 प्रतिशत और 8 प्रतिशत होता है। समस्या उस वक्त शुरू हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने एक आदेश में टेलिकॉम कंपनियों के नॉन कोर बिजनस से हुई आय को भी एजीआर के दायरे में ला दिया, जिससे कंपनियों पर देनदारी में कई गुना इजाफा हो गया

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