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Demonetisation: नोटबंदी से सरकार को हुआ क्‍या फायदा, संसद में पेश किया गया इसका पूरा ब्‍यौरा

आयकर विभाग ने नवंबर, 2016 से मार्च, 2017 की अवधि के दौरान 900 समूहों पर तलाशी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप 900 करोड़ रुपये की जब्ती की गई।

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नई दिल्‍ली। वर्ष 2016 में केंद्र द्वारा की गई नोटबंदी (विमुद्रीकरण) से सरकार को आखिर क्‍या फायदा हुआ, इसका ब्‍यौरा सोमवार को संसद में पेश किया गया। वित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि विमुद्रीकरण के दौरान बैंक खातों में भारी नकद राशि जमा की गई तथा इस नकद राशि के स्‍वामियों का पता करना संभव हुआ। आयकर विभाग ने विमुद्रीकरण की स्‍कीम के दुरुपयोग में लिप्‍त पाए गए लोगों पर कई कार्रवाईयां की।

चौधरी ने बताया कि आयकर विभाग ने नवंबर, 2016 से मार्च, 2017 की अवधि के दौरान 900 समूहों पर तलाशी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्‍वरूप 900 करोड़ रुपये की जब्‍ती की गई। इसमें 63.6 करोड़ रुपये की नकदी तथा 7961 करोड़ की अप्रकटित आय की स्‍वीकारोक्ति शामिल है। इसी अवधि के दौरान 8239 सर्वेक्षण किए गए, जिसमें 6745 करोड़ रुपये की अप्रकटित आय का पता चला।

एक प्रश्‍न के उत्‍तर में चौधरी ने बताया कि विमुद्रीकरण के बाद बैंक खातों में 5.10 लाख रुपये जमा करने वाले नॉन-आईटी फाइलरों के मामलों में इलेक्‍ट्रॉनिक अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके पश्‍चात 3.04 लाख ऐसे व्‍यक्तियों की पहचान की गई थी, जिन्‍होंने 10 लाख रुपये अथवा इससे अधिक नकद जमा किया था लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया था। कुल मिलाकर लक्षित नॉन-फाइलरों द्वारा 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के स्‍व-निर्धारित कर का भुगतान किया गया।

चौधरी ने कहा कि वित्‍त वर्ष 2017-18 के दौरान, विमुद्रीकरण के बाद आयकर विभाग द्वारा निरंतर और हस्‍तक्षेपी अभियान के कारण प्रत्‍यक्ष करों का निवल संग्रह पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़कर 10.03 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह पिछले साल वित्‍तीय वर्षों की सबसे ऊंची वृद्धि है। वित्‍त वर्ष 2016-17 की तुलना में वित्‍त वर्ष 2017-18 में व्‍यक्तिगत अग्रिम कर में 23.4 प्रतिशत तथा व्‍यक्तिगत स्‍व-निर्धारण कर में 29.9 प्रतिशत की असाधारण वृद्धि हुई थी।

इसके अलावा, विमुद्रीकरण की अवधि के दौरान जमा की गई भारी राशियों के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निषेध अधिनियम, 2002 (पीएमएलए, 2002) के प्रावधानों के तहत 9 मामले तथा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा, 1999) के तहत 5 मामले दर्ज किए हैं। ईडी ने फेमा के तहत वित्‍तीय संस्‍थाओं (बैंकों) के उच्‍च मूल्‍य की जमा राशियों के खिलाफ एक मामला पंजीकृत किया है।  

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