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भारत में इन्वेस्टमेंट की बरसात! EFTA ट्रेड डील से आएंगे 8.80 लाख करोड़, पैदा होंगी 10 लाख नई नौकरियां

भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक रिश्तों को एक नया आयाम मिला है। EFTA ट्रेड डील 1 अक्टूबर 2025 से पूरी तरह लागू हो गया है। यह समझौता न केवल व्यापार बढ़ाने वाला है, बल्कि अगले 15 सालों में USD 100 बिलियन (करीब 8.80 लाख करोड़ रुपये) के निवेश और 10 लाख सीधे रोजगार लाने का वादा करता है।

India-EFTA deal- India TV Paisa Image Source : ANI भारत-EFTA डील से आएगा 8.80 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट

भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) देशों के बीच हुआ ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक पड़ाव है, जो अब आधिकारिक तौर पर लागू हो गया है। इस समझौते से न सिर्फ विदेशी निवेश की बाढ़ आने वाली है, बल्कि देश में 10 लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर भी खुलने वाले हैं। सरकारी बयान के मुताबिक, यह भारत का पहला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है जो चार विकसित यूरोपीय देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ किया गया है। यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुआ है और इसके तहत अगले 15 सालों में 100 अरब डॉलर (लगभग ₹8.80 लाख करोड़) का निवेश भारत में आने का अनुमान है।

निवेश और रोजगार का बड़ा रोडमैप

EFTA देशों ने कहा है कि वे अगले 15 सालों में भारत में करीब 100 अरब डॉलर (लगभग ₹8.80 लाख करोड़) का निवेश करेंगे। पहले 10 साल में 50 अरब डॉलर और अगले पांच साल में बाकी 50 अरब डॉलर का निवेश आएगा। इससे देश में लगभग 10 लाख नई नौकरियां बनने की उम्मीद है। यह निवेश खास तौर पर रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और लाइफ साइंसेज जैसे एडवांस और तेजी से बढ़ते सेक्टरों में किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए एक ‘इंडिया-EFTA डेस्क’ बनाई है, जहां इन्वेस्टर्स को सभी जरूरी जानकारी और मदद एक ही जगह पर मिलेगी, ताकि प्रक्रिया आसान और तेज हो सके।

भारत के लिए बड़े फायदे

इस समझौते के तहत EFTA देशों ने भारत की 99.6% एक्सपोर्ट पर टैरिफ कंसेशन देने की पेशकश की है। बदले में भारत ने भी EFTA की 95.3% एक्सपोर्ट लाइन पर मार्केट एक्सेस दिया है, हालांकि डेयरी, कोयला, सोया और कुछ कृषि प्रोडक्ट्स को सेफ्टी दायरे में रखा गया है।

सर्विस सेक्टर और प्रोफेशनल्स को फायदा

भारत के मजबूत सर्विस सेक्टर के लिए यह समझौता और भी फायदेमंद साबित होगा। इसमें 105 सब-सेक्टर्स में एक्सेस बढ़ाया गया है और नर्सिंग, अकाउंटेंसी और आर्किटेक्चर जैसे प्रोफेशन के लिए म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट किया गया है। यानी भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए EFTA देशों में काम करना आसान होगा।

ट्रेड, टेक्नोलॉजी और ट्रस्ट का संगम

TEPA केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। यह इनोवेशन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और साझा तरक्की पर आधारित साझेदारी है। भारत की इंडस्ट्रियल कैपेसिटी और EFTA की टेक्नोलॉजिकल एक्सपर्टाइज मिलकर नए अवसरों का रास्ता खोलेंगी। सबसे खास बात यह है कि यह पहली बार किसी ट्रेड डील में निवेश और नौकरी पैदा करने की गारंटी दी गई है।

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