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Hindi News पैसा फायदे की खबर PM kisan Samman Nidhi: किसानों को 6000 रुपए के अलावा मिलेंगे 5000 रुपए, जानिए क्‍या है योजना

PM kisan Samman Nidhi: किसानों को 6000 रुपए के अलावा मिलेंगे 5000 रुपए, जानिए क्‍या है योजना

सरकार अब किसानों को 6,000 रुपए के अलावा अलग से 5,000 रुपए दे सकती है। ये पैसा किसानों को खाद खरीदने के लिए दिया जाएगा।

pm kisan samman nidhi yojana beneficiary get Rs 5000 with Rs 6000, know the scheme- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO pm kisan samman nidhi yojana beneficiary get Rs 5000 with Rs 6000, know the scheme

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM kisan Samman Nidhi) के तहत मोदी सरकार किसानों को सालाना तीन बराबर किस्‍तों में 6,000 रुपए देती है। सरकार का मकसद है कि किसानों की आय 2022 तक बढ़ाकर दोगुनी कर दी जाए। सरकार की इस योजना के तहत किसानों को यह पैसा सीधा उनके बैंक खातों में दिया जाता है। इस योजना के तहत किसानों साल भर में तीन किस्तों में 6,000 रुपए दिए जाते हैं। हर एक किस्त में 2,000 रुपए दिए जाते हैं।

सरकार अब किसानों को 6,000 रुपए के अलावा अलग से 5,000 रुपए दे सकती है। ये पैसा किसानों को खाद खरीदने के लिए दिया जाएगा। वर्तमान में सरकार बड़ी–बड़ी फर्टिलाइजर्स कंपनियों को सब्सिडी देती है। लेकिन अब सरकार की योजना खाद सब्सिडी को कंपनियों को देने के बजाये किसानों के सीधे बैंक खाते में देने की है।

दरअसल कृषि लागत और मूल्य आयोग ( CACP) ने किसानों को सीधे 5,000 रुपए सालाना खाद सब्सिडी के तौर पर देने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि किसानों को रबी और खरीफ फसल के लिए दो बराबर किस्तों में 5000 रुपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाना चाहिए। यानी पहली किस्त खरीफ की फसल के समय और दूसरी किस्त रबी की शुरुआत में दी जाए।

सीएसीपी की इस सिफारिश को अगर केंद्र सरकार मान लेती है तो फिर किसानों को साल में कुल 11,000 रुपए की नगद राशि मिलेगी। क्योंकि सब्सिडी का सीधा पैसे किसानों के बैंक खाते में आएगा और उन्‍हें बाजार मूल्‍य पर खाद खरीदनी होगी। ये बिल्‍कुल वैसे ही जैसे एलपीजी सिलेंडर उपभोक्‍ताओं को सब्सिडी दी जाती है। मौजूदा समय में कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी भ्रष्टाचार की शिकार है। हर साल सहकारी समितियों और भ्रष्च अधिकारियों की वजह से खाद की किल्लत होती है। लिहाजा किसानों को ब्लैक में खाद खरीदना पड़ता है।

केंद्र सरकार डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिये किसानों के बैंक एकाउंट में पैसे भेजने के लिए विचार कर रही है। सरकार ने इसके लिए साल 2017 में ही आयोग का गठन कर दिया था। लेकिन अब तक कोई ठोस काम नहीं हो पाया था। लेकिन अब CACP की सिफारिशें जल्द ही लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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