A
Hindi News विदेश एशिया म्यांमार में तख्तापलट, स्टेट काउंसलर सू की नजरबंद, सेना ने एक वर्ष के लिए अपने हाथों में लिया नियंत्रण

म्यांमार में तख्तापलट, स्टेट काउंसलर सू की नजरबंद, सेना ने एक वर्ष के लिए अपने हाथों में लिया नियंत्रण

म्यांमार से आ रही इन खबरों पर अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। व्हॉइट हाउस की प्रवक्ता Jen Psaki ने कहा है कि बर्मा की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और बर्मा में अन्य नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी सहित देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कम करने के लिए कदम उठाने वाली रिपोर्टों से चिंतित है।

Coup in Myanmar State Counsellor Aung San Suu Kyi detained army takes control म्यांमार में तख्तापलट,- India TV Hindi Image Source : AP म्यांमार में तख्तापलट, स्टेट काउंसलर सू की हिरासत में, सेना ने एक वर्ष के लिए अपने हाथों में लिया नियंत्रण

नई दिल्ली. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देश में म्यामार में तख्तापलट हो गया है। खबरों में ये बताया गया है कि स्टेट काउंसलर सू की को सेना द्वारा हिरासत में लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि म्यामार में सेना के टेलीविजन चैनल ने बताया कि सेना ने एक वर्ष के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। खबरों के अनुसार, नेपीता में संचार के सभी माध्यम काट दिये गये हैं और सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

पढ़ें- Corona: सामाजिक / धार्मिक / सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कितने लोग हो सकेंगे शामिल? दिल्ली सरकार ने अब लिया ये फैसला

मीडिया में आयी खबरों में इस बारे में बताया गया। ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘म्यामां नाउ’ ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि सू ची और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पोर्टल पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है। ऐसा प्रतीत होता है कि नेपीता के लिए संचार के सभी माध्यम बंद कर दिये गये हैं और सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

पिछले साल के चुनाव के बाद म्यामां के सांसद राजधानी नेपीता में संसद के पहले सत्र के लिए सोमवार को एकत्रित होने वाले थे। हालांकि सेना के हालिया बयानों से सैन्य तख्तापलट की आशंका दिख रही थी। सू की पार्टी ने संसद के निचले और ऊपरी सदन की कुल 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी जो बहुमत के आंकड़े 322 से कहीं अधिक था। लेकिन वर्ष 2008 में सेना द्वारा तैयार किए गए संविधान के तहत कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीटें सेना को दी गयी हैं जो संवैधानिक बदलावों को रोकने के लिए काफी है। कई अहम मंत्री पदों को भी सैन्य नियुक्तियों के लिए सुरक्षित रखा गया है।

पढ़ें- आम यात्रियों के लिए आज से शुरू हुईं लोकल ट्रेनें, जानिए किस समय कर सकते हैं यात्रा

म्यांमार से आ रही इन खबरों पर अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। व्हॉइट हाउस की प्रवक्ता Jen Psaki ने कहा है कि बर्मा की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और बर्मा में अन्य नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी सहित देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कम करने के लिए कदम उठाने वाली रिपोर्टों से चिंतित है। NSA द्वारा राष्ट्रपति को स्थिति से अवगत करवाया गया है।

उन्होंने कहा कि हम बर्मा की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि करते हैं और हमारे क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ समन्वय में, सैन्य और अन्य सभी दलों से लोकतांत्रिक मानदंडों और कानून के शासन का पालन करने और आज हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हाल के चुनावों के परिणामों को बदलने के लिए किसी भी प्रयास का विरोध किया है या म्यांमार के democratic transition को बाधित किया है और इन कदमों को उलट नहीं होने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और बर्मा के लोगों के साथ खड़े हैं।

पढ़ें- भारतीय रेल ने फिर दी गुड न्यूज, अब किया इन ट्रेनों का ऐलान, देखिए लिस्ट

Latest World News