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नेपाल से बड़ी खबर! केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश की, पार्टी में मचा बवाल

नेपाली मीडिया पोर्ट्ल्स के मुताबिक नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग में संसद भंग करने की सिफारिश की है।

Nepal PM KP Sharma Oli recommends dissolution of parliament । नेपाल से बड़ी खबर! केपी शर्मा ओली ने - India TV Hindi Image Source : AP Nepal PM KP Sharma Oli recommends dissolution of parliament । नेपाल से बड़ी खबर! केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश की

काठमांडू. भारत के पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी खबर है। नेपाली मीडिया पोर्ट्ल्स के मुताबिक नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग में संसद भंग करने की सिफारिश की है। केपी शर्मा ओली ने शनिवार की सुबह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और मंत्रियों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला के बाद रविवार की सुबह मंत्रिपरिषद की एक आउट-ऑफ-शेड्यूल बैठक बुलाई थी। 

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नेपाल की राजनीति पर नजर रखने वालों ने नेपाल की सत्ताधारी पार्टी में चल रहे आपसी गतिरोध को देखते हुए पहले ही इस तरह इशारा किया था। राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा था कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों में पूर्व पीएम पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' और माधव नेपाल के धड़े का पीएम केपी शर्मा ओली से ज्यादा प्रभाव है, ऐसे में केपी शर्मा ओली संसद भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।

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नेपाल के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि संसद भंग करने की सिफारिश से संबंधित पत्र राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। वहीं, Nepal Communist Party के प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठा ने कहा कि यह निर्णय जल्दबाजी में किया गया है क्योंकि आज सुबह कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री उपस्थित नहीं थे। यह लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है और राष्ट्र को पीछे ले जाएगा। इसे लागू नहीं किया जा सकता।

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सत्तारूढ़ एनसीपी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने आज के कदम को असंवैधानिक करार दिया है। प्रचंड और माधव का धड़ा एनसीपी के दो धड़ों में आरोप-प्रत्यारोप के बीच ओली से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहा है। ओली (68) ने जून में दावा किया था कि उन्हें सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन भारतीय क्षेत्रों के देश के राजनीतिक मानचित्र में दिखाने के बाद से उन्हें सत्ता से हटाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

इस बीच, संविधान विशेषज्ञों ने संसद भंग करने के कदम को असंवैधानिक करार दिया है। संविधान विशेषज्ञ दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नेपाल के संविधान में बहुमत प्राप्त सरकार के प्रधानमंत्री द्वारा संसद को भंग किये जाने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। जब तक संसद द्वारा सरकार गठन की संभावना है, तब तक सदन को भंग करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। इस बीच, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने रविवार को पार्टी की आपात बैठक बुलाई है। इससे एक दिन पहले एनसी और राष्ट्रीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।

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