नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने तीसरी बार विश्वास मत हासिल कर लिया है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रखर आलोचक केपी शर्मा ओली के साथ उन्होंने गठबंधन किया है। जीत के लिए उन्हें सदन में 138 मतों की जरूरत थी। प्रचंड को 157 मत हासिल हुए हैं।
नेपाल की राजनीति में हलचलें जारी हैं। नेपाली कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ आए नेपाली पीएम प्रचंड को अब कैबिनेट विस्तार में अड़चनें आ रही हैं।
नेपाल की राजनीति में भी बड़ा 'खेला' हो गया है। नेपाल के पीएम प्रचंड ने बड़ा कदम उठाते हुए नेपाली कांग्रेस से अलग होकर केपी शर्मा ओली की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने का निर्णय लिया है।
मालदीव की तरह अब नेपाल में भी 'खेला' होने की कवायदें चल रही है। चीन समर्थक केपी शर्मा ओली वर्तमान नेपाल में प्रचंड सरकार को गिराने की कोशिशों में जुटे हैं। मालदीव के बाद नेपाल में भी जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है।
भारत और नेपाल वैसे तो बहुत पुराने दोस्त हैं। मगर पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। सीमा पर सैनिकों के बीच भी तनातनी और गोलीबारी की स्थिति के कारण दहशत फैल गई है। इस बीच भारत ने नेपाल सीमा पर निगरानी बढ़ा दिया है।
नेपाल में पिछले दो महीने में ही सत्ता में आए बदलाव के बाद संवैधानिक बाध्यता के कारण पीएम दहल को एक बार फिर विश्वास मत की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा। इसमें वे विजयी हुए।
भारत के लिए अक्सर जहर उगलने वाले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने अब भारत को प्रगाढ़ मित्र बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत और नेपाल दोनों प्रगाढ़ मित्रों के बीच यदि कोई विवाद है तो उसे बातचीत से दूर किया जा सकता है। आपको बता दें कि ओली को भारत विरोधी बयानों के लिए जाना जाता है।
नेपाली कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति ने मंगलवार को हुई बैठक में फैसला किया कि वह प्रचंड के समर्थन में वोट डालेगी, लेकिन सरकार में शामिल नहीं होगी।
Prachanda took Oath as PM of Nepal: नेपाल के 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में मात्र 32 सीटें जीतकर भी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ देश के नेए प्रधानमंत्री बन गए। उन्होंने सोमवार को नेपाल के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली है।
New Government be Formed in Nepal: नेपाल के राष्ट्रीय चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। यहां 275 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा में 89 सीटें जीतकर नेपाली कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
Nepal's former PM KP Oli working behest of China: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के इशारे पर फिर से भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। सत्ता में रहने के दौरान भी ओली ने चीन के कहने पर भारत से रिश्ते खराब कर लिए थे। अब नेपाल में 20 नवंबर को चुनाव होना है।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने एक बार फिर भारत विरोधी सुर छेड़ा है। ओली ने एक चुनावी सभा में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह नेपाल के उन इलाकों को वापस लाएंगे जिनपर भारत अपना दावा करता है।
ओली ने टीके की पूरी खुराक ले रखी है, लेकिन अन्य बीमारियों के भी मरीज हैं और मार्च 2020 में उनका दूसरा गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था। इस माह के शुरू में पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
ओली ने विश्वास जताया कि सीपीएन-यूएमएल अगले साल होने वाले आम चुनाव में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नेपाल की शीर्ष अदालत ने लगभग पांच महीनों में दूसरी बार भंग प्रतिनिधि सभा को बहाल कर दिया है।
निर्वाचन आयोग प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिकाओं की वजह से बने अनिश्चितता के माहौल के बावजूद नवंबर में प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारी कर रहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के अपनी सरकार के विवादास्पद फैसले का बचाव किया और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री नियुक्त करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका के पास नहीं है क्योंकि वह राज्य के विधायी और कार्यकारी कार्य नहीं कर सकती।
देश में जारी राजनीतिक संकट और व्यापक आलोचनाओं के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक सप्ताह में दूसरी बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया। पिछले महीने सदन में विश्वासमत प्राप्त करने में विफल रहने के बाद ओली अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग किये जाने को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों से एक सर्वदलीय सरकार बनाने और नये चुनाव कराने का आग्रह किया।
नेपाल का राजनीतिक संकट शुक्रवार को और गहरा गया जब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया।
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