नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन के बीच अब तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है। इस बीच नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली देश छोड़कर दुबई भी जा सकते हैं। केपी शर्मा ओली के घर को ले जाने के लिए प्राइवेट प्लेन की व्यवस्था की गई है। वहीं केपी शर्मा ओली ने डिप्टी पीएम को देश की कमान सौंप दी है। हाल ही में केपी शर्मा ओली ने नेपाल में 26 शोसल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया था, जिसके बाद नेपाल में प्रदर्शन शुरू हो गए। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस प्रदर्शन में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हैं। आइये जानते हैं कि नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली कौन हैं?
कौन हैं केपी शर्मा ओली?
दरअसल, केपी शर्मा ओली का पूरा नाम खड्ग प्रसाद शर्मा ओली है। उनका जन्म 23 फरवरी 1952 को पूर्वी नेपाल के तेहराथुम जिले में हुआ था। महज चार साल की उम्र में केपी शर्मा ओली की मां की निधन हो गया था। ओली बेहद की गरीब परिवार से थे। मां के निधन के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी की देख-रेख में हुई। फिलहाल केपी शर्मा ओली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के चेयरमैन हैं। इसके अलावा वह 15 जुलाई 2024 से नेपाल के 45वें प्रधानमंत्री का पद संभाल रहे हैं। वह चौथी बार नेपाल के पीएम बने हैं। इससे पहले भी केपी शर्मा ओली 2015-2016, 2018-2021 और 2021 में कुछ महीनों के लिए PM रह चुके हैं।
PM ओली के इस्तीफे की मांग
नेपाल के कई हिस्सों में मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में नए सिरे से विरोध प्रदर्शन हुए। काठमांडू के कलंकी और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के चापागांव-थेचो इलाके से भी प्रदर्शन की खबरें आईं। Gen Z के आंदोलनकारी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आंदोलनकारी युवाओं ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक समारोहों पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए "छात्रों की हत्या मत करो" जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने "केपी चोर, देश छोड़ो" और "भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो" जैसे नारे लगाए।
नेपाल ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाया
नेपाल सरकार ने घोषणा की है कि उसने देश में सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने पहले के फैसले को वापस ले लिया है। यह फैसला जेन-जी द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद लिया गया है, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने कैबिनेट की एक आपात बैठक के बाद सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने पहले के फैसले को वापस ले लिया है।
इसके अलावा, गुरुंग ने कहा कि सूचना मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को 'जेन-जी' की मांगों के अनुसार सोशल मीडिया साइटों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है, जिन्होंने काठमांडू के मध्य में संसद के सामने एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही नेपाल सरकार ने फेसबुक और 'एक्स' सहित 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि वे नेपाल सरकार के साथ पंजीकरण नहीं करा पाई थीं।