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Rajat Sharma's Blog | नेपाल: बरसों से सुलगता हुआ गुस्सा फूट पड़ा

नेपाल के युवाओं का गुस्सा उबाल पर है। इन्हें मीडिया में GenZ कहा जा रहा है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी जनता सोशल मीडिया पर बैन लगाये जाने के बाद सड़कों पर उतर आई और तख्तापलट कर दिया।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Sep 09, 2025 05:15 pm IST, Updated : Sep 09, 2025 05:15 pm IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

नेपाल में जनाक्रोश के दूसरे दिन देशव्यापी हिंसा के बाद प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। काठमांडू, पोखरा और देश के तमाम शहरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन ने उग्र रूप घारण कर लिया। संसद भवन, प्रधानमंत्री निवास, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, तमाम बड़े राजनीतिक दलों के दफ्तरों और कई बड़े होटलों में भीड़ ने आग लगा दी।

मंत्रियों को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा को भी उग्र भीड़ ने नहीं बख्शा। काठमांडू अन्रराष्ट्रीय हवाईअड्डे को बंद करना पड़ा। ऐसी खबर थी कि प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट में घुस कर देश से भागने की तैयारी करने वाले नेताओं, मंत्रियों और अफसरशाहों को रोकने वाले हैं। सेना ने हेलीकाप्टरों की मदद से मंत्रियों को सेना के बैरक में सुरक्षित पहुंचाया।

नेपाल के युवाओं का गुस्सा उबाल पर है। इन्हें मीडिया में GenZ कहा जा रहा है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी जनता सोशल मीडिया पर बैन लगाये जाने के बाद सड़कों पर उतर आई और तख्तापलट कर दिया। सोमवार को पुलिस फायरिंग में 21 युवाओं की मौत के बाद गुस्से की आग और भड़क उठी। ज्यादातर मृत और ज़ख्मी युवाओं के सीने में गोलियां लगी हुई थी। ढाई सौ से ज्यादा ज़ख्मी इस वक्त अस्पतालों में भर्ती हैं।  

अपने त्यागपत्र में के.पी. शर्मा ओली ने लिखा है कि वह राजनीतिक तरीकों से समस्या के समाधान में मदद के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। मंगलवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, लेकिन इस वक्त नेताओं और राजनीतिक दलों के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। नेपाल में राजशाही की समाप्ति के बाद पिछले कई सालों से साझा सरकारें बनती और टूट रही थी।  

संकट का तात्कालिक कारण था– तमाम सोशल मीडिया पर ओली सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध। तीन सितंबर को नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने पाबंदी लगा दी। ओली की सरकार का दावा था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स नेपाल में अस्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं, नेपाल के कानून का पालन नहीं करते, इसलिए बैन जरूरी है। 3 सिंतबर को बैन लगा और सोमवार सुबह GEN Z आंदोलन शुरू हो गया।

लाखों की तादाद में नौजवान सड़कों पर आ गए। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने जो पोस्टर्स हाथों में ले रखे थे, उनमें सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ नारे नहीं थे। ज्यादातर पोस्टर्स में सरकारी भ्रश्टाचार, बेरोजगारी, युवाओं का पलायन और गरीबी जैसे मुद्दों से जुड़े नारे लिखे थे। सरकार और पुलिस को इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के जुटने की भनक तक नहीं थी।

नेपाल में जो प्रोटेस्ट हो रहा है, उसे नाम दिया गया है, Gen-Z मूवमेंट। आंदोलन कर रहे युवा जो पोस्टर-बैनर लेकर आए थे, उसमें लिखा था "Gen-Z Movement in Nepal"। Gen Z शब्द उस युवा पीढ़ी के लिए इस्तेमाल होता है, जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। ये पीढ़ी इंटरनेट, डिजिटल टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के युग में बड़ी हुई है, इसलिए इसे 'digital natives' भी कहा जाता है। Gen-Z के युवा इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक, ट्वीटर और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। बहुत से नौजवानों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स कमाई का जरिया हैं। नेपाल में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है। ज्यादातर परिवारों के बच्चे नौकरी, पढ़ाई के लिए पलायन करते हैं, विदेश जाते हैं।

नेपाल की आबादी करीब तीन करोड़ है। इनमें से करीब अस्सी लाख लोग विदेश में हैं। करीब पैंतालीस लाख नेपाली तो भारत में रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि विदेश में रहने वाले नेपाली जो पैसा अपने घर भेजते हैं, वो नेपाल की कुल GDP का पच्चीस प्रतिशत है। विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से बात भी सोशल मीडिया के जरिए होती है।

नेपाल में करीब एक करोड़ सत्तर लाख लोगों के पास इंटरनेट एक्सेस है। 1 करोड़ 43 लाख लोगों का सोशल मीडिया पर अकाउंट हैं। फेसबुक यूजर्स करीब एक करोड़ चालीस लाख हैं। मैंसेंजर पर एक करोड़ नौ लाख नेपाली हैं। 85 लाख लोगों का यूट्यूब पर अकाउंट है। साठ लाख व्हाट्सएप यूजर्स हैं। चालीस लाख नेपाली इन्स्टा पर रील्स अपलोड करते हैं। इसीलिए जैसे ही सरकार ने सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगाया तो नौजवान भड़क गए।

पुलिस फायरिंग में 21 लोगों की मौत के बाद नेपाल के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया, लेकिन युवाओं की नाराज़गी कम नहीं हुई। उनका गुस्सा पूरी सरकार के खिलाफ हैं। सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन ने तो इस आंदोलन के लिए ट्रिगर प्वाइंट का काम किया, लेकिन हकीकत ये है कि नेपाल में लंबे वक्त से अंदर ही अंदर के पी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही थी।

नेपाल में पिछले 35 साल के दौरान 32 बार सरकारें आई और गईं। पिछले 10 साल में नौ बार प्रधानमंत्री बदले हैं। केपी शर्मा ओली की सरकार को नेपाली कांग्रेस का समर्थन मिल रहा था। कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े होने की वजह से केपी शर्मा धीरे-धीरे नेपाल को चीन की तरफ ले जा रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बर्बाद हो रहा था। युवाओं को लग रहा था कि उनके नेता बिक गए हैं। इसलिए आज जो आंदोलन हुआ, उसमें सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन के अलावा सबने भ्रष्टाचार का भी ज़िक्र किया।

नेपाल में नौजवानों की मौत और बड़ी संख्या में उनका घायल होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।

ऐसा लगा कि नेपाल सरकार ऐसी किसी स्थिति के लिए तैयार नहीं थी। उन्हें अंदाजा नहीं था कि नौजवान इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आएंगे। बिना हालात की गंभीरता को समझे जब गोली चलाई गई तो बात और बिगड़ गई। नेपाल में corruption, nepotism और recession को लेकर लोग परेशान हैं। नाराजगी की जो आग भीतर ही भीतर सुलग रही थी सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर ban लगने से वो दबी हुई आग लपटों में बदल गई।

दो दिन पहले ही ओली ने कहा था कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश हो रही है, नौजवानों को भड़काया जा रहा है, एक बड़े आंदोलन की साजिश रची जा रही है लेकिन सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कौन कर रहा है, ओली को कौन  गिराना चाहता है, ये उन्होंने नहीं बताया। लेकिन ये सही है कि ओली जिस तरह चीन के इशारों पर चलते हैं, चीन के निर्देशों का पालन करते हैं, उससे भी लोग नाराज हैं। सबने देखा कि ओली ने Chinese app TikTok को छोड़कर बाकी सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ban लगाया। किसी को आश्चर्य नहीं होगा कि अगर वो ये कहें कि नेपाल में जो रहा है, उसके पीछे भारत का हाथ है।

जहां तक भारत का सवाल है, भारत सरकार के पास इन हालात पर नजर रखने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। नेपाल से हमारी सीमा लगती है। नेपाल के लोग हमारे यहां बेरोक-टोक आते जाते हैं। सीमा के आसपास के इलाकों में रोटी-बेटी का संबंध है। इसीलिए जैसे ही नेपाल में हालात खराब हुए तो सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 सितंबर, 2025 का पूरा एपिसोड

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