कई लोगों ने कहा कि उदयपुर में 2 मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा एक दर्जी की निर्मम हत्या के लिए सिर्फ नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराना न्यायसंगत नहीं है।
शिंदे ने पांच साल तक फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया, लेकिन अब यह उल्टा हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में अपनी हार के कुछ ही मिनट बाद उद्धव ठाकरे ने रात को सोशल मीडिया के जरिए अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
हत्या का वीडियो सामने आने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बयान पर मुझे हैरानी और थोड़ी निराशा हुई।
उद्धव ठाकरे की अपील का बागी विधायकों पर कितना असर पड़ेगा, कहना मुश्किल है। पर ये सच्चाई है कि बागी खेमा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने और बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर पूरा जोर लगा रहा है।
अगर हम सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं का सम्मान करते हैं तो गुजरात दंगों को लेकर नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने का खेल बंद होना चाहिए।
गुरुवार को एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी के एक होटल में अपने समर्थक विधायकों की परेड कराई और कहा कि हमारे पीछे एक 'महाशक्ति' खड़ी है।
शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता यह देख रहे थे कि गठबंधन की मजबूरियों के चलते उद्धव एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
ठाकरे ने शिंदे को मनाने के लिए अपने 2 भरोसेमंद नेताओं, मिलिंद नार्वेकर और रविंद्र फाटक को सूरत भेजा था, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली।
अग्निपथ स्कीम को लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के नौजवानों में कुछ कन्फ्यूजन था, जो अब दूर होता दिख रहा है।
नौजवानों के लिए मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि उन्हें अपनी बात कहने का, प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है, लेकिन इसका तरीका शांतिपूर्ण होना चाहिए।
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ जैसे ही प्रदर्शन और आगज़नी शुरु हुई, उसके कुछ ही देर बाद नेताओं के रिऐक्शन आने शुरू हो गए।
मैंने कई बार आपको दिखाया है कि असामाजिक तत्व बयानों को अपने हिसाब से इंटरप्रेट करते हैं, लोगों को उनके गलत मतलब समझाते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चार साल की सेवा पूरी करने के बाद इन सैनिकों को डिप्लोमा मिलेगा और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए 'क्रेडिट स्कोर' दिया जाएगा।
कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि मोदी सरकार कांग्रेस के सीनियर नेताओं को समन जारी कर उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है।
एक बात तो साफ है कि जहां-जहां पथराव और आगजनी हुई, वो पूरी प्लानिंग के तहत हुई।
दिल्ली पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, उनमें पुलिस स्टेशन से जमानत नहीं मिलेगी, कोर्ट ही जाना पड़ेगा।
तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 17 साल 6 महीने और अधिकतम उम्र सीमा 21 साल होगी।
अगर काज़ी खुद ही वकील बन जाएगे, खुद ही पैरवी करेंगे, खुद ही जज बनकर फैसला करेंगे तो फिर क्या कहा जा सकता है।
पाकिस्तानी नेताओं के शातिराना ट्वीट्स का भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने करारा जवाब दिया।
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