रतन टाटा को लेकर आज लोग इतने भावुक क्यों हैं? रतन टाटा उद्योगपति थे, बिजनेस चलाते थे, पैसा कमाते थे, तो फिर उनको लेकर आज घर-घर में लोग दुखी क्यों हैं? इसे समझने की ज़रूरत है।
सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर ये ऐतिहासिक उलटफेर हुआ कैसे? कांग्रेस से कहां गलती हुई? बीजेपी की कौन सी रणनीति काम कर गई? कांग्रेस सिर्फ हरियाणा में नहीं हारी। जम्मू कश्मीर में भी भले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बहुमत मिला हो लेकिन वहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
कांग्रेस सिर्फ ये कहकर पीछा नहीं छुड़ा सकती कि तुषार गोयल को तो दो साल पहले पार्टी से निकाल दिया था। हरियाणा में वोटिंग से दो दिन पहले तुषार गोयल का पकड़ा जाना, दीपेन्द्र हुड्डा के साथ उसकी तस्वीरें और उसके मोबाइल में दीपेन्द्र हुड्डा का नंबर मिलना, कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रशांत किशोर ने जिस तरह से पार्टी में फैसले लेने की और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तैयार की है, वो भी इंप्रैसिव है। मैं उनकी बस एक ही बात से सहमत नहीं हूं। प्रशांत किशोर का ये कहना कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा सही विचार नहीं है।
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस बार का चुनाव वहां आए बदलाव का सबूत है। वहां बसे शरणार्थियों के लिए खुशियों की सौगात है जिसे उन्होंने अपनी उंगली पर लगी स्याही में महसूस किया।
डिफेंस एक्सपर्ट क़मर चीमा ने कहा कि ज़ाकिर नाइक एक चालाक मुल्ला है, जो सूट और टाई पहनकर तबलीग करता है, यानी गैर-मुसलमानों को मुसलमान बनाने की कोशिश करता है।
जेनेटिकली मॉडीफाइड होने के कारण चीनी लहसुन में फंगल इन्फेक्शन भी जल्दी हो जाता है, इसलिए इसे खतरनाक माना गया और सरकार ने इस पर बैन लगा दिया।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि जो फैसला यूपी सरकार ने किया है, उसी तर्ज पर उन्होंने भी हिमाचल में दुकानदारों का वेरिफिकेशन, उनके नाम पते डिस्प्ले करने को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया है।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी के पोस्टर्स बैनर से साफ हो गया कि महाराष्ट्र की सरकार को अब इंसाफ पर भरोसा नहीं रहा, वो बदला लेना जानती है, उसने बदला लिया है।
जब विवाद बढ़ा तो सिद्धारमैया ने जमीन वापस कर दी, लेकिन मामला कोर्ट तक पहुंच गया और मंगलवार को हाईकोर्ट ने भी सिद्धारमैया के खिलाफ फैसला सुना दिया, इसलिए बीजेपी उनका इस्तीफा मांग रही है।
7 साल में यूपी में 207 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। इन अपराधियों में 67 मुस्लिम, 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट और गुर्जर, 16 यादव, 14 दलित, तीन ट्राइबल, दो सिख, 8 ओबीसी और 42 दूसरी जातियों के थे।
क्या 9-10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घटिया क्वॉलिटी की घी का इस्तेमाल किया गया? क्या दुनिया के सबसे अमीर देवस्थान में 10 करोड़ रुपये बचाने के लिए घी का सप्लायर बदला गया?
लोग बड़े जोश से बताते हैं कि आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में माहौल बदला है, अब बच्चे स्कूल जाते हैं, दुकानें खुलती हैं, डल झील में सैलानियों के लिए शिकारे चलते हैं, कश्मीर घूमने के लिए टूरिस्ट आते हैं, सिनेमा हॉल खुल गए हैं, कश्मीर में लोग अब खुली हवा में सांस लेते हैं, अब कहीं किसी का डर नहीं है।
कोई कह रहा है कि मोदी राज्य सरकारों को कमज़ोर करना चाहते हैं, कोई कह रहा है कि ये RSS का एजेंडा है, कोई कह रहा है कि मोदी देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर देंगे। लेकिन ये सब बेकार की बातें हैं।
इस खेल का एक दूसरा पहलू ये है कि केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को चक्कर में डाल दिया। वो इस बात में उलझे हुए हैं कि आतिशी को क्यों बनाया? आतिशी के माता-पिता ने अफज़ल गुरू के लिए मर्सी पिटीशन लगाई थी
कांग्रेस को डर है कि अगर हरियाणा में केजरीवाल दम लगाएंगे तो उनका वोट काट सकते हैं और ये डर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के भाषणों में भी दिखाई दे रहा है जिसमें वो जनता से अपील करते नजर आ रहे हैं कि हरियाणा में मुकाबला सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, इसलिए जनता किसी वोटकटवा को अपना वोट ना दे।
ये कहना बेमानी है कि प्रधानमंत्री ने वीडियो क्यों जारी किया? अगर मोदी वीडियो जारी न करते तो यही लोग कहते कि मोदी की CJI से सीक्रेट मीटिंग हुई। यही लोग कहते कि जब मोदी हर जगह का वीडियो पोस्ट करते हैं तो पूजा का क्यों नहीं किया?
1984 के कत्लेआम के बाद चाहे सिख समाज कांग्रेस से कितना भी नाराज़ रहा हो, कांग्रेस ने कभी भी खालिस्तान का समर्थन करने वालों को इसका फायदा नहीं उठाने दिया। कांग्रेस ने कभी खालिस्तान की मांग करने वालों को सिर नहीं उठाने दिया।
अमेरिका की धरती पर खड़े होकर राहुल ने कहा कि बीजेपी चुनाव इसीलिए जीती क्योंकि उसके पास पैसा है, सत्ता है, चुनाव आयोग है, मीडिया है और सारी एजेंसियों पर बीजेपी का क़ब्ज़ा है।
पिछले एक महीने में पश्चिम बंगाल, असम और झारखंड में छह से ज्यादा ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं। ये घटनाएं महज संयोग नहीं, बड़ी साजिश का प्रयोग हैं। आखिर इनके पीछे कौन है?
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