Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. घर, वाहन महंगे होने से आम लोगों को लगी बड़ी चपत, इस तरह बचत में लगी सेंध

घर, वाहन महंगे होने से आम लोगों को लगी बड़ी चपत, इस तरह बचत में लगी सेंध

वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। उस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर आई थी। हालांकि, उसके बाद से इसमें गिरावट जारी है। इसके बाद यह 2021-22 में यह 17.12 लाख करोड़ रुपये और 2022-23 में 14.16 लाख करोड़ रुपये पर आ गई।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 09, 2024 19:23 IST, Updated : May 09, 2024 19:23 IST
Savings Shrink- India TV Paisa
Photo:FILE बचत में लगी सेंध

कोरोना महामारी के बाद से देश में घर और गाड़ी की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसका असर आम लोगों के बचत पर हुआ है। लोग अपनी इच्छा पूरी करने के लिए घर और गाड़ी खरीद तो रहे हैं लेकिन इससे उनका बचत तेजी से गिर रहा है। आपको ता दें कि घरेलू बचत में वित्त वर्ष 2023-24 में लगातार तीसरे साल गिरावट आई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी ताजा राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी-2024 के अनुसार, शुद्ध घरेलू बचत तीन वर्षों में 2022-23 तक नौ लाख करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गई। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि होम लोन और कार लोन पर बढ़ते ब्याज के कारण देनदारियों बढ़ी है। इससे लोगों का बचत कम हुआ है। 

बचत में गिरावट का दौर जारी रहने का अनुमान

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि 2022-23 में घरेलू बचत में गिरावट की मुख्य वजह देनदारियों में सालाना आधार पर 73 प्रतिशत की वृद्धि रही। उन्होंने कहा कि आंकड़ों पर गौर करें तो बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भी घरेलू बचत में गिरावट की प्रवृत्ति जारी रहने का अनुमान है। घरेलू बचत से जुड़े आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं। नायर ने कहा कि हालांकि 2024-25 में यह प्रवृत्ति उलट सकती है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने बिना गारंटी वाले व्यक्तिगत कर्ज पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं। 

शेयर और म्यूचुअल फंड में हो रहा निवेश

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी.अनंत नागेश्वरन ने इस गिरावट की वजह खंड में बदलाव को बताया, जहां बचत को वास्तविक परिसंपत्तियों में लगाया जा रहा है। उन्होंने यहां एनसीएईआर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू शुद्ध वित्तीय बचत कम रही और इसे लेकर कुछ चिंताएं थीं। इससे पता चला कि घरेलू बचत कम हो रही है, लेकिन वास्तव में यह एक खंड बदलाव था जहां बचत वास्तविक परिसंपत्तियों में जा रही थी।’’ आम लोग छोटी बचत योजना के बजाय अब शेयर और म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश कर रहे हैं। 

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी घरेलू बचत 

वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। उस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर आई थी। हालांकि, उसके बाद से इसमें गिरावट जारी है। इसके बाद यह 2021-22 में यह 17.12 लाख करोड़ रुपये और 2022-23 में 14.16 लाख करोड़ रुपये पर आ गई। वित्तीय निकायों और एनबीएफसी द्वारा परिवारों को दिए गया ऋण 2022-23 में चार गुना होकर 3.33 लाख करोड़ रुपये हो गया । यह 2020-21 में 93,723 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-22 के 1.92 लाख करोड़ रुपये के ऋण की तुलना में 2022-23 में यह 73 प्रतिशत बढ़ा। 

आरबीआई ने व्यक्तिगत ऋणों में वृद्धि को देखते हुए पिछले साल नवंबर में व्यक्तिगत ऋणों सहित बिना गारंटी वाले ऋणों के लिए प्रावधानों में बदलाव किया था। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement