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कार इंश्‍योरेंस लेते समय इन 10 बातों का रखें ख्‍याल, फायदे में रहेंगे हमेशा

कार इंश्योरेंस खरीदने से पहले अपनी जरूरत को समझ लेना काफी जरूरी है। आइए जानते हैं कि कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 17, 2024 5:59 IST, Updated : May 17, 2024 5:59 IST
Car Insurance - India TV Paisa
Photo:FILE कार इंश्‍योरेंस

देश में कारों की रिकॉर्ड बिक्री हो रही है। हर नई बिकने वाली कार का इंश्योरेंस हो रहा है। इसके अलावा पुरानी कार भी इंश्योरेंस करना जरूरी है। अगर आप अपनी नई या पुरानी कार का इंश्योरेंस कराने की सोच रहे हैं तो कुछ बातों ख्याल रखकर न सिर्फ बाद में होने वाली परेशानी से बच सकते हैं, बल्कि अच्छी बचत भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कार इश्योरेंस लेने से पहले किन 10 बातों का ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है।

आईडीवी

यह वह अधिकतम राशि है जो कार चोरी या क्षतिग्रस्‍त होने पर क्‍लेम कर सकते हैं। आईडीवी कार की प्राइस से अवमूल्‍यन को घटाकर तय की जाती है। कार 5 साल से ज्‍यादा पुरानी है तो आपसी समझौते से कार की कीमत तय की जाती है।

कवरेज

कोई भी कार इंश्योरेंस लेते समय हमेशा आपको कवरेज का ध्यान रखना चाहिए। आपको अपनी जरूरत के अनुसार ही कवरेज लेना चाहिए। कंप्रिहेंसिव कवरेज लेना सही रहता है। इसमें आपको कार डैमेज के अलावा चोरी और प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान की भी कवरेज मिलती है। 

एड ऑन/टॉप अप

यह कुछ अतिरिक्‍त पैसे देकर अधिक सुविधाएं लेने जैसा है। उदाहरण के लिए इंजन प्रोटेक्‍टर, जीरो डेप, 24x7 रोडसाइड असिस्‍टेंस आदि। कोई अपनी जरूरत के हिसाब से राइडर को चुन सकता है।

सटीक जानकारी 

हमें पता होना चाहिए कि पॉलिसी में क्‍या कवर है और क्‍या नहीं। यह हमारा हक और कर्तव्‍य दोनों है। बीमा लेने से पहले हमें इंश्‍योरेंस कंपनी से एक-एक चीज स्‍पष्‍ट कर लेनी चाहिए।

कटौति राशि

इसका मतलब है कि क्‍लेम के समय हम पहले से तय एक हिस्‍सा खुद वहन करेंगे। अगर आप ज्‍यादा कटौती पर सहमत हैं तो पॉलिसी की कीमत उसी अनुपात में कम हो जाती है।

क्‍लेम में आसानी

आजकल क्‍लेम निस्‍तारण प्रक्रिया बहुत ही आसान और तेज हो गई है। कई कंपनियां तो आपके दरवाजे पर ही यह सुविधा दे रही हैं। बीमा कराते समय यह देखना फायदेमंद रहेगा कि कंपनी कितनी टेक्‍नो फ्रेंडली है।

बीमा कंपनी का नेटवर्क

यह पता लगा लेना बहुत जरूरी है कि हम जिस कंपनी से बीमा करवा रहे हैं, उसका नेटवर्क हमारे शहर या आसपास कितना मजबूत है। जैसे गैराज या सर्विस सेंटर्स से उसका टाइअप आदि।

नो क्‍लेम बोनस

यह वह राशि है जो बीमा क्‍लेम न करने के लिए रिन्‍यू के समय डिस्‍काउंट के रूप में मिलती है। अगर हम नई कार खरीद रहे हैं, तो भी पुरानी कार के नो क्‍लेम बोनस को ट्रांसफर किया जा सकता है।

रिसर्च 

कार इंश्योरेंस लेने से पहले रिसर्च जरूर करें। इसके जरिये आपके सामने कई तरह के विकल्प खुलेंगे। आप सस्ते में अच्छी प्रॉलिसी खरीद पाएंगे। 

क्लेम सैटलमेंट रेश्यो चेक करें

पॉलिसी खरीदने से पहले हमेशा इंश्योरेंस कंपनी की क्लेम सैटलमेंट रेश्यो की जांच करें। यह रेश्यो एक वर्ष में मिले क्लेम की संख्या के खिलाफ कंपनी द्वारा निपटाए गए दावों की संख्या की जानकारी देता है।

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