Saturday, December 14, 2024
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Budget 2024: आयकर की धारा 80C की लिमिट बढ़ती है तो इन Mutual Fund निवेशकों की होगी मौज

यह फंड सैलरीड क्लास और स्वरोजगार वालों के लिए टॉप निवेश विकल्पों में से एक हैं। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र एकमात्र म्यूचुअल फंड हैं। निवेशक अलग-अलग टैक्स बचत विकल्पों में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 22, 2024 11:41 IST, Updated : Jul 22, 2024 13:18 IST
लिमिट बढ़ने से जरूरी वित्तीय साधनों में बचत और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।- India TV Paisa
Photo:INDIA TV लिमिट बढ़ने से जरूरी वित्तीय साधनों में बचत और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

बजट 2024 पेश होने में 24 घंटे से भी कम का समय अब बाकी है। बजट में सरकार से निवेशकों को भी काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में निवेशक इस बात की भी आस लगाए बैठे हैं सरकार आयकर की धारा 80सी की लिमिट बढ़ा सकती है। अगर बजट में अगर वित्त मंत्री सीतारमण इस लिमिट में बढ़ोतरी की घोषणा करती हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को इसका अच्छा फायदा मिलेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे उन्हें टैक्स बचत और निवेश में बढ़ोतरी के बेहतर अवसर मिलेंगे।

मुद्रास्फीति के साथ तालमेल नहीं रख पाई

खबर के मुताबिक, निवेशकों की तरफ से आयकर की धारा 80सी कटौती सीमा बढ़ाने की अपील वर्तमान ₹1.50 लाख की लिमिट से उपजा है, जिसे साल 2014 में स्वर्गीय अरुण जेटली के वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान स्थापित किया गया था। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, धारा 80सी कटौती लिमिट में बढ़ोतरी इसलिए जरूरी है क्योंकि यह 2014 से मुद्रास्फीति के साथ तालमेल नहीं रख पाई है। एडजस्टमेंट से टैक्स पेयर्स को मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने और ईएलएसएस, टैक्स सेवर एफडी और पीपीएफ जैसे जरूरी वित्तीय साधनों में बचत और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

एलटीसीजी लिमिट बढ़े तो मिलेगा फायदा

जानकारों का मानना है कि बजट में एलटीसीजी लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख करने से काफी राहत मिलेगी। डेट म्यूचुअल फंड पर लगाया गया नया टैक्स उनके ग्रोथ को नुकसान पहुंचाता है। निवेशक इस टैक्स को वापस लेने या कम से कम डेट म्यूचुअल फंड के लिए इंडेक्सेशन बेनिफिट को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। ईएलएसएस फंड सैलरीड क्लास और स्वरोजगार वालों के लिए टॉप निवेश विकल्पों में से एक हैं। इसमें निवेश के आधार पर वह आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत महत्वपूर्ण टैक्स बचत कर पाते हैं।

ईएलएसएस फंड

ईएलएसएस फंड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र एकमात्र म्यूचुअल फंड हैं। निवेशक अलग-अलग टैक्स बचत विकल्पों में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। ईएलएसएस फंड सिर्फ तीन साल की लॉक-इन पीरियड है जो अन्य धारा 80सी निवेशों की तुलना में कम है। ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से होने वाले बेनिफिट टैक्स फ्री हैं। यह इक्विटी मार्केट में निवेश से हाई रिटर्न की संभावना पैदा करता है। साथ ही ईएलएसएस म्यूचुअल फंड से निकासी भी टैक्स फ्री है।

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