नया इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल को पढ़ने में सरल बनाया गया है, जिससे यह आम आदमी के भी समझ में आ जाए।
देशभर के आयकर देने वाले को बड़ी राहत देते हुए अपडेटेड रिटर्न भरने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि इसका क्या फायदा मिलेगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के FAQs में कहा गया है, "अगर सेक्शन 10(10डी) की शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो बीमा पॉलिसी के तहत मिलने वाले रिटर्न कैपिटल गेन्स टैक्स (यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसी के लिए) या अन्य स्रोतों से इनकम (यूएलआईपी के अलावा अन्य पॉलिसी के लिए) के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है।"
बजट में साफ किया गया है कि न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स की धारा 80CCD(2) के तहत, एनपीएस में निवेश किए गए कर्मचारी के मूल वेतन का 14% तक कर कटौती योग्य है।
सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार आने वाले सप्ताह में संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के कानून की जगह लेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के अपने बजट भाषण में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा किए जाने की घोषणा की थी।
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, लगभग 74-75 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता एनटीआर को अपना चुके हैं, जिसे सरकार कुछ साल पहले ही लेकर आई थी।
किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है, जिससे छोटे करदाताओं को लाभ मिलेगा।
यानी अगर आपकी सैलरी 12.75 लाख रुपये सालाना है तो नई टैक्स रिजीम चुनना फायदे का सौदा रहेगा। वहीं, 14, 14 या 20 लाख सालाना सैलरी होने पर ओल्ड टैक्स रिजीम ही फायदे का सौदा रहेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स छूट से मिडल क्लास के लोगों के पास खपत के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और इसके साथ ही वे निवेश में पैसा बढ़ा सकेंगे और बचत भी कर सकेंगे। नए टैक्स स्लैब की दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी, जिसके बाद 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर लोगों को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ''देशभर के 75 प्रतिशत टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ जाएंगे।''
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स छूट से मिडल क्लास के लोगों के पास खपत के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और इसके साथ ही वे निवेश में पैसा बढ़ा सकेंगे और बचत भी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने इसके साथ ही अलग-अलग टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया।
धारा 87A के तहत छूट का मतलब है कि अगर आपकी शुद्ध कर योग्य आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कर लाभ मिलेगा जो प्रभावी रूप से आपकी कर देयता को शून्य कर देता है। हालांकि, 1 रुपये की आय बढ़ने पर आपको टैक्स देना होगा।
न्यू टैक्स रिजीम को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत इनकम टैक्स छूट की सीमा को 12 लाख रुपये कर दिया गय है। मोदी सरकार ने पहली बार 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को पेश किया था।
बजट में इनकम टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री के इस कदम से लाखों टैक्सपयर्स को बड़ी राहत मिलेगी।
Budget 2025 Income Tax Bill : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा है कि अगले हफ्ते इनकम टैक्स पर नया बिल आएगा।
Budget 2025 में Income Tax से जुड़ी बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाले लोगों की 10 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री कर सकती है।
सबसे अधिक संभावना है कि सरकार को 7-10 लाख रुपये की आय वाले स्लैब पर विचार करेगी, जहां वे संभवतः अधिक छूट के लिए जा सकते हैं। सरकार आज अगर ऐसी घोषणा करती है तो इससे निश्चित रूप से खपत बढ़ेगी।
वेतनभोगी व्यक्ति और पेशेवर सालाना पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बीच निर्णय ले सकते हैं। दूसरी ओर, जो व्यक्ति इन श्रेणियों में नहीं आते हैं, वे एक बार पुरानी और नई व्यवस्थाओं के बीच स्विच कर सकते हैं।
1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट से बीमा कंपनियों को कई उम्मीदें हैं। देश की बीमा पहुंच 2022-23 में चार प्रतिशत की तुलना में 2023-24 में 3.7 प्रतिशत थी। जीवन बीमा उद्योग की पहुंच 2022-23 में तीन प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 प्रतिशत हो गई।
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