एनएससी योजना में निवेश के लिए कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन पुरानी कर व्यवस्था के तहत केवल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलता है।
अगर आप अपनी Wife के नाम पर महिला सम्मान सेविंग स्कीम (MSSC) में 2 साल रुपये निवेश करते हैं तो आपको मैच्योरिटी यानी 2 साल बाद 232044.33 रुपये प्राप्त होंगे।
अगर आप पुरुष हैं तो आप इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते हैं। हालांकि, आप इस स्कीम में अपनी मां और बहन के नाम से खाता खुलवा सकते हैं। अगर आप शादीशुदा हैं तो आप MSSC में अपनी पत्नी के नाम से खाता खुलवाकर जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं।
इस स्कीम पर अभी 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। किसान विकास पत्र स्कीम में एकमुश्त निवेश किया जाता है। इसमें आप कम से कम 1000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। जबकि अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है, यानी आप इसमें जितना मर्जी उतना पैसा लगा सकते हैं
एमएसएससी स्कीम पर अभी 7.5 प्रतिशत का जोरदार ब्याज मिल रहा है। बताते चलें कि इस अवधि के लिए किसी भी अन्य बचत स्कीम पर महिलाओं को इतना ब्याज नहीं मिल रहा है। महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम में एकमुश्त निवेश करना होता है। आप सिर्फ 1000 रुपये से भी इस स्कीम में खाता खुलवा सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में MSSC योजना की डेडलाइन बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं दिया। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि ये योजना 31 मार्च, 2025 को खत्म हो जाएगी और 1 अप्रैल, 2025 से इस योजना में नया निवेश नहीं किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार, पीपीएफ पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रही है। इस स्कीम में सालाना कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। ये स्कीम 15 साल में मैच्यॉर हो जाती है। लेकिन, इसे 5-5 साल के अंतराल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट के तहत सिर्फ महिलाओं के ही खाते खोले जा सकते हैं, इस स्कीम में किसी भी पुरुष का खाता नहीं खुल सकता। इस स्कीम के तहत महिलाओं को 7.5 प्रतिशत का छप्परफाड़ ब्याज मिल रहा है, जो महिलाओं को किसी भी फिक्स इनकम वाली स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर नहीं मिलता है।
ये स्कीम कोई भी महिला अपने नाम से खुलवा सकती है। अगर आप पुरुष हैं तो आप इस स्कीम के तहत अपनी पत्नी के नाम से भी खाता खुलवा सकते हैं। बताते चलें कि 2 साल की अवधि वाली तमाम बचत योजनाओं की तुलना में महिलाओं को इस स्कीम पर सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना के तहत आप 2 लाख रुपये से ज्यादा पैसे जमा नहीं करा सकते हैं। अगर आप 2 लाख रुपये भी जमा करते हैं तो आपको इस रकम पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। इस हिसाब से मैच्यॉरिटी पर आपकी पत्नी को कुल 2,32,044.00 रुपये मिलेंगे।
महिला सम्मान बचत योजना से खाताधारक खाता खोलने की तिथि से एक वर्ष के बाद 40% तक रकम निकाल सकता है। खाताधारक की मृत्यु या खाताधारक की जानलेवा बीमारी या अभिभावक की मृत्यु जैसे अनुकंपा के आधार पर खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति है।
किसान विकास पत्र (KVP) एक सरकारी बचत स्कीम है। इस स्कीम पर अभी 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। इस स्कीम में आपका निवेश 9 साल और 5 महीने में सीधे डबल हो जाता है।
भारत सरकार की इस स्कीम में महज 1000 रुपये के साथ ही निवेश की शुरुआत की जा सकती है। साथ ही आप इसमें अनलिमिटेड पैसा जमा कर सकते हैं। एक खास स्थिति में अकाउंट को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
अगर इस स्कीम के अकाउंट में कोई अतिरिक्त राशि जमा की जाती है, तो अतिरिक्त राशि जमाकर्ता को तुरंत वापस कर दी जाएगी और अतिरिक्त जमा की तारीख से वापसी की तारीख तक केवल बचत खाता ब्याज दर लागू होगी।
इस योजना के तहत सिर्फ बेटियों के खाते खोले जाते हैं, जिनकी उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1,50,000 रुपये तक का सालाना निवेश किया जा सकता है।
इस स्कीम में खाता खुलवाने वाली महिलाओं को सरकार की गारंटी के साथ 7.5 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है। इस स्कीम में किया गया निवेश 2 साल में मैच्यॉर हो जाता है। यानी मैच्यॉरिटी पर आपको गारंटीड रिटर्न मिलेगा।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट में सिर्फ महिलाओं के नाम से ही खाता खुल सकता है। माता-पिता अपनी ओर से नाबालिग बच्ची के नाम पर भी इस स्कीम में खाता खुलवा सकते हैं।
स्कीम की खास बात यह है कि इसमें गारंटीड रिटर्न के साथ टैक्स छूट की भी सुविधा मिलती है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प भी है। इस स्कीम में निवेश की एक लिमिट है।
योजना के तहत खाता खुलने की तारीख से अगले 15 साल तक ही इसमें पैसा जमा कराया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के ही खाते खोले जाते हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। उस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर आई थी। हालांकि, उसके बाद से इसमें गिरावट जारी है। इसके बाद यह 2021-22 में यह 17.12 लाख करोड़ रुपये और 2022-23 में 14.16 लाख करोड़ रुपये पर आ गई।
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