Friday, December 13, 2024
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एस जयशंकर से मिले मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर, भारत ने फिर दोहराया...हमारी नीति है 'पड़ोस प्रथम'

भारत ने एक बार मालदीव के सामने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने कहा है कि उसकी नीती हमेशा 'पड़ोस प्रथम' की रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ वार्ता के दौरान यह बात कही है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : May 09, 2024 22:48 IST, Updated : May 10, 2024 6:26 IST
Maldives Minister Moosa Zameer meets S Jaishankar- India TV Hindi
Image Source : MOOSA ZAMEER (X) Maldives Minister Moosa Zameer meets S Jaishankar

नई दिल्ली: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ मुलाकात की। बातचीत के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों का विकास ‘आपसी हित’ और पारस्परिक संवेदनशीलता’ पर आधारित है। मालदीव में चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद पहली उच्च स्तरीय यात्रा के तहत जमीर दिल्ली आए हैं। 

क्या है भारत की नीति 

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा, “करीबी और निकटतम पड़ोसी होने के नाते हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है।” उन्होंने कहा, “जहां तक भारत का सवाल है तो ये हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में व्यक्त किया गया है।

भारत ने हमेशा की मदद 

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में प्रमुख है। हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है; (हमने) जीवन की गुणवत्ता में योगदान दिया है। इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा, और स्वास्थ्य केंद्र तक शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है।” जयशंकर ने कहा, “ हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपके देश की सुरक्षा और कल्याण को भी मजबूत किया है।” 

खराब हुए हैं भारत-मालदीव के संबंध

वैसे देखने वाली बाात यह भी है कि, आज की तारीख में भारत और मलदीव के संबंध में तनाव स्पष्ट रूस से नजर आता है। भारत मालदीव से पहले ही अपने अधिकतर सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है। मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी। (भाषा)

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