कोलंबो: एक तरफ पाकिस्तान सरकार का हाल यह है कि उसके पास मुल्क चलाने के लिए पैसे नहीं हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कभी आईएमएफ से पैसों की मांग करते हैं तो कभी अरब देशों की तरफ मुंह ताकते हुए नजर आते हैं। इस बीच सबसे बुरा हाल जनता का है और लोग आटे से लेकर रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए तरस रहे हैं। महंगाई चरम पर है और कुल मिलाकर पाकिस्तान में आम लोगों का जीना मुहाल है। इब जिस देश के हुक्मरान ऐसे हों तो वहां की जनता कैसी होगी इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। पाकिस्तान के लोग जहां जाते हैं अपने ही देश का नाम खराब करते हैं अब ऐसा ही कुछ देखने को मिला है श्रीलंका में।
सुनाई गई सजा
दरअसल, श्रीलंका की एक अदालत ने बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए दस पाकिस्तानी नागरिकों को 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को इस बारे में जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि जब यह मामला छह मई, 2024 को कोलंबो उच्च न्यायालय के समक्ष उठाया गया तो आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बाद में उन्हें 10 साल जेल की सजा सुनाई गई।
पुलिस ने की थी छापेमारी
पुलिस ने बताया कि एक जनवरी, 2020 को पुलिस नारकोटिक्स ब्यूरो और श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई एक संयुक्त छापेमारी में दस पाकिस्तानी नागरिकों के पास से 581 किलोग्राम मादक पदार्थ, 34 ग्राम संदिग्ध मादक पदार्थ और 614 किलोग्राम आइस (मेथमफेटामाइन) बरामद किया गया था।
सड़क पर उमड़ पड़े भिखारी
यहां याद दिला दें कि, पाकिस्तान में ईद की मौके पर कराची में भिखारियों का हुजूह उमड़ पड़ा था। लाखों की संख्या में भिखारी शहर के व्यस्त बाजारों, मुख्य सड़कों, ट्रैफिक सिग्नल, शॉपिंग मॉल और मस्जिदों के बाहर हर तरफ नजर आ रहे थे। तब कराची में मौजूद भिखारियों की संख्या चार लाख से भी अधिक बताई गई थी। (भाषा)
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