Saturday, June 01, 2024
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हरियाणा में सैनी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुए विपक्षी दल, फ्लोर टेस्ट की मांग

हरियाणा में सियासी सरगर्मी काफी बढ़ चुकी है। विपक्षी दल फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में राज्यपाल को चिट्ठी भी लिखी गई है। कल विपक्षी दल के नेता राज्यपाल से मुलाकात करनेवाले हैं।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: May 10, 2024 6:25 IST
नायब सिंह सैनी, सीएम, हरियाणा- India TV Hindi
Image Source : PTI नायब सिंह सैनी, सीएम, हरियाणा

चंडीगढ़: हरियाणा में कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने  नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के राज्य विधानसभा में अल्पमत में आने के बाद उसे सत्ता से बेदखल करने के अपने प्रयास तेज करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से संपर्क किया है। राज्यपाल को लिखे अलग-अलग पत्रों में जेजेपी और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग की है। कांग्रेस की हरियाणा इकाई नेराज्यपाल कार्यालय को एक पत्र भेजकर उनसे मिलने और राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए शुक्रवार का समय मांगा। 

विपक्षी दलों ने शक्ति परीक्षण की मांग की

जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पास अब बहुमत नहीं है जिसके मद्देनजर तत्काल शक्ति परीक्षण कराया जाना चाहिए। इनेलो के अभय सिंह चौटाला ने भी राज्यपाल को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया कि ‘‘भाजपा सरकार के बहुमत खो देने के मद्देनजर पार्टी मांग करती है कि सरकार को तुरंत विधानसभा की बैठक आहूत करने के लिए कहा जाए ताकि शक्ति परीक्षण में स्पष्ट हो सके कि उसके पास अभी भी बहुमत है।’’ विपक्षी दलों द्वारा भाजपा सरकार को अपदस्थ करने की कोशिशें तेज किए जाने के बीच, जानकारी मिली है कि जेजेपी के तीन विधायकों ने पानीपत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है। भिवानी में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘‘हमारे पास 30 विधायक हैं, …जेजेपी के संबंध में, यह बेहतर होता कि वे राज्यपाल के सामने 10 विधायकों की परेड कराते।’’ 

कई विधायक भाजपा के संपर्क में -खट्टर

वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि उनकी सरकार संकट में नहीं है। सैनी ने कहा कि उनकी सरकार ने मार्च में विश्वास मत जीता था और ‘‘अगर विश्वास मत हासिल करने की बात आती है, तो समय आने पर मैं इसे फिर से साबित करूंगा।’’ सरकार के सदन में बहुमत खो देने संबंधी दावों को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप दुष्यंत चौटाला से पूछें कि उनके पास कितने विधायक हैं?’’ दुष्‍यंत पर निशाना साधते हुए सैनी ने कहा कि पूर्व उपमुख्‍यमंत्री ने लोगों का भरोसा खो दिया है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने दावा किया कि कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और ‘‘चिंता की कोई बात नहीं’’ है। विपक्षी दलों द्वारा सरकार के अल्पमत में होने के दावे का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा, ‘‘जैसा वे सोच रहे हैं उनके पास संख्या बल नहीं है।’’ 

राज्य सरकार स्थिर, कोई खतरा नहीं-ओपी धनखड़

भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश धनखड़ ने भी कहा कि राज्य सरकार स्थिर है और उसे कोई खतरा नहीं है। तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। सरकार के पास 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत से दो विधायक कम है। सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। हरियाणा की विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं। दो सीट-करनाल और रानिया रिक्त हैं। भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। छह निर्दलीय सदस्य हैं। कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि पार्टी के विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और मुख्य सचेतक बी.बी.बत्रा एवं पार्टी के अन्य नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल 10 मई को राज्यपाल से मिलना चाहता है। 

हमने भी राज्यपाल से समय मांगा है-हुड्डा

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ‘‘अल्पमत’’ वाली सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जेजेपी द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखने को लेकर किए गए सवाल पर नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा, ‘‘हमने भी राज्यपाल से समय मांगा है।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हमारे विधायकों को लेकर कोई संशय नहीं है। उनके (जेजेपी के) कुछ विधायक किसी और का समर्थन कर रहे हैं।उन्हें अपने 10 विधायकों के साथ राज्यपाल के पास जाने दीजिए।’’ हुड्डा ने कहा कि सैनी सरकार अल्पमत में है। उन्होंने कहा, ‘‘नैतिक आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।हम राज्य में दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।’’ 

सैनी सरकार बहुमत खो चुकी है, उसे सत्ता में बने रहने का हक नहीं: अभय चौटाला

राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में, इनेलो के अभय चौटाला ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में नायब सिंह सैनी सरकार स्पष्ट रूप से अपना बहुमत खो चुकी है और उसे सत्ता में बने रहने का कोई कानूनी या नैतिक अधिकार नहीं है।’’ अभय चौटाला ने कहा कि अगर राज्यपाल को लगता है कि वर्तमान परिस्थितियों में शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा की बैठक आहूत करना संभव नहीं है तो वह राज्य में ‘‘राष्ट्रपति शासन की सिफारिश’’ कर सकते हैं। भाजपा और जजपा का गठबंधन मार्च में खट्टर की जगह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद टूट गया था। 

अक्टूबर में होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव 

भाजपा-जेजेपी पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा, ‘‘उन्होंने गठबंधन तोड़ने के लिए समझौता किया। लोग इसे जान चुके हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि (लोकसभा चुनाव में) कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है, अन्य ‘वोटकाटू’ पार्टियां हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब उन्होंने (जेजेपी ने) 2019 में (बीजेपी के साथ) चुनाव बाद गठबंधन किया था, तब भी मैंने कहा था कि यह किसी नीति पर नहीं, बल्कि स्वार्थ पर आधारित है।’’ जजपा नेता दुष्‍यंत चौटाला ने कहा था कि कांग्रेस को सोचना होगा कि क्या वे भाजपा की अल्पमत सरकार को गिराने के लिए कदम उठाएंगे। बहरहाल, भाजपा नीत सरकार सुरक्षित नजर आ रही है। प्रचलित परिपाटी के अनुसार, किसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पिछले प्रस्ताव के छह महीने के भीतर नहीं लाया जा सकता। इस मामले में हरियाणा की भाजपा नीत सरकार को फरवरी में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था। बाद में, नायब सैनी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनकी सरकार ने 13 मार्च को विश्वास मत जीत लिया। हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। (भाषा)

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