Friday, May 17, 2024
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हरियाणा में अल्पमत में आने के बाद भी नहीं गिरेगी बीजेपी सरकार, जानिए क्या कहता है नियम

हरियाणा में बीजेपी सरकार बेशक अल्पमत में आ गई है लेकिन सरकार गिरने का खतरा नहीं है। इस लेख में हम आपको उस नियम के बारे में भी बताएंगे जिससे सरकार गिरने से बच जाएगी।

Reported By : Puneet Pareenja Written By : Mangal Yadav Updated on: May 07, 2024 20:25 IST
विधानसभा में सीएम नायब सिंह सैनी- India TV Hindi
Image Source : FILE-PTI विधानसभा में सीएम नायब सिंह सैनी

चंडीगढ़ः हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी के बाद बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है। बहुमत न होने के बावजूद नायब सैनी सरकार को खतरा नहीं है। दरअसल नायब सैनी ने इसी साल 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। साथ ही अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ था। सैनी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित किया था।

क्या कहता है नियम

नियम के मुताबिक दो फ्लोर टेस्ट के बीच कम से कम छह महीने का गैप होना जरूरी है। ऐसे में विपक्ष सितंबर 2024 तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकती है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में अल्पमत में सरकार होने के बावजूद बीजेपी की सरकार सुरक्षित है। सैनी सरकार गिरेगी नहीं। 

तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया

बता दें कि लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। तीन विधायकों-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने यह भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। 

कांग्रेस ने मांगा सीएम सैनी का इस्तीफा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं। भाजपा नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है। मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए।  

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(भाषा इनपुट के साथ)

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