काबुल: अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को उसके नापाक विचारों के लिए जमकर लताड़ लगाई है। भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंधों पर सवाल उठाने पर तालिबान ने पाकिस्तान को जमकर रगड़ा है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान की आपत्तियों पर तीखा पलटवार किया है। इससे पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई है।
पाकिस्तान ने क्या कहा था
बता दें कि पाकिस्तान ने हाल ही में काबुल-नई दिल्ली के बढ़ते संबंधों पर चिंता जताई थी, जिसके जवाब में मुत्ताकी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ-साफ कहा:“पहले पाकिस्तान ने हम पर टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को शरण देने का आरोप लगाया। फिर बीएलए (बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी) को दोषी ठहराया। अब भारत को निशाना बना रहे हैं। मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान और भारत के संबंध केवल राजनीतिक और आर्थिक हैं। हमारी विदेश नीति पूरी तरह स्वतंत्र है और हमें किसी भी देश से संबंध रखने का पूरा अधिकार है।
तालिबान ने पाकिस्तान को दिखाया आईना
मुत्ताकी ने तंज कसते हुए आगे कहा, “पाकिस्तान का तो भारत में अपना दूतावास है। वहां राजदूत बैठे हैं। फिर हम भारत से संबंध क्यों नहीं रख सकते? हम संबंध रखेंगे और बढ़ाएंगे भी। अफगानिस्तान की विदेश नीति इस्लामाबाद से नहीं, काबुल से तय होगी।” तालिबान का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान ने लगातार आरोप लगाया है कि भारत अफगानिस्तान के जरिए उसके अंदर अस्थिरता फैला रहा है। पाकिस्तानी सेना और विदेश मंत्रालय ने कई बार बौखलाहट में निराधार आरोप लगाया है कि टीटीपी और बीएलए को भारत से हथियार और फंडिंग मिल रही है। दूसरी तरफ भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उसके अफगानिस्तान के साथ संबंध ऐतिहासिक और विकासात्मक हैं।
भारत-अफगानिस्तान के संबंध पुराने
बता दें कि 2021 में तालिबान की सत्ता वापसी के बाद भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं, दवाइयां, भूकंप राहत सामग्री और 40 मिलियन डॉलर की मानवीय मदद दी है। हाल ही में दोनों देशों के बीच चाबहार बंदरगाह के जरिए व्यापार बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुत्ताकी का यह बयान काबुल का पाकिस्तान को साफ संदेश है: “अफगानिस्तान अब किसी का पिछलग्गू नहीं रहेगा।” यह बयान दक्षेस क्षेत्र में नई तनातनी का संकेत भी दे रहा है। पाकिस्तान ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस्लामाबाद में इस बयान से नाराजगी है।