Sydney Terrorist Attack Pakistan Connection: ऑस्ट्रेलिया आतंकी हमले से दहल गया है। 14 दिसंबर 2025 को सिडनी के फेमस बॉन्डी बीच पर यहूदी फेल्टीवेल हनुक्का को सेलिब्रेट करने के लिए हजारों लोग जमा हुए थे। सेलिब्रेशन के दौरान अचानक पूरा बीच गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा और अफरातफरी मच गई। सिडनी में हुए इस भयावह आतंकी हमले में 16 लोगों की मौत हुई है और 45 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में एक आतंकी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले की पूरी दुनिया में निंदा हुई है। दावा किया जा रहा है कि हमले का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है और आतंकी पहले से ही ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसियों के रडार पर था। चलिए ऐसे में लेख के जरिए इस हमले की Inside Story पर नजर डालते हैं।
सामने आया पाकिस्तान कनेक्शन
ऑस्ट्रेलिया में हुए आतंकी हमले को यहूदी समुदाय के खिलाफ धार्मिक नफरत के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमले के पीछे बंदूकधारियों की पहचान पाकिस्तान के एक पिता और बेटे के रूप में हुई है। न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर मैल लैन्योन ने बताया कि एक बंदूकधारी (50) को पुलिस ने मार गिराया है जबकि दूसरा हमलावर, उसका 24 साल का बेटा घायल हुआ जिसका अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के पास 2 एक्टिव इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) भी मिले जिन्हें डिफ्यूज कर दिया गया है। कमिश्नर लैन्योन ने बताया कि 50 वर्षीय हमलावर के पास लाइसेंसी हथियार थे और उसके नाम पर 6 हथियार रजिस्टर्ड भी थे। माना जा रहा है कि इन हथियारों का इस्तेमाल हमले में किया गया था। 24 साल के आतंकी की पहचान नवीद अकरम के रूप में हुई है।
ऑस्ट्रेलिया में थी आतंकी हमले की आशंका
ऑस्ट्रेलिया में आतंकी हमले की आशंका कुछ लोगों को पहले से ही थी। यह सिलसिला अक्टूबर 2023 में तब शुरू हुआ, जब हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद सिडनी में एक यहूदी बेकरी के सामने लाल रंग का उल्टा ट्रायंगल स्प्रे से बनाया गया था। यह ऑस्ट्रेलिया में दर्ज की गई पहली यहूदी विरोधी घटना थी, जिसके बाद लगातार ऐसी घटनाएं घटती रहीं। देश भर में आगजनी, फायरबम हमले, दीवारों पर आपत्तिजनक नारे लिखने और नफरत फैलाने वाले भाषणों की घटनाएं बड़ी तादाद में दर्ज की गईं। इन घटनाओं की बढ़ती संख्या के बीच खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने यहां तक कहा था कि यहूदी विरोध सबसे प्राथमिक खतरा बन चुका है।

सच साबित हुआ डर
सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए हमले ने उस आशंका को सच कर दिया जिसे लंबे समय से महसूस किया जा रहा था। यहूदियों की संस्था ऑस्ट्रेलियन ज्यूरी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्स रिवचिन ने तो यहां तक कहा कि यहूदी समुदाय का सबसे बुरा डर सच साबित हुआ है। हालात ऐसे हैं कि यहूदी माता-पिता अपने बच्चों को डे केयर भेजने से भी डर रहे हैं। संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करीब एक साल में यहूदी विरोधी 1,600 घटनाएं दर्ज की गई हैं। ऑस्ट्रेलिया में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1.17 लाख से अधिक यहूदी रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी लगभग 2.8 करोड़ है।
कितनी तैयार थी ऑस्ट्रेलिया की पुलिस?
ओडेड एलम ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 2 दशकों तक इजरायली खुफिया विभाग में काम किया है। एलम ने हमले के वीडियो देखने के बाद कहा कि पहली शुरुआती प्रतिक्रिया पुलिस की तरफ से नहीं थी, बल्कि आम नागरिकों की तरफ से थी जिससे पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। एलम के मुताबिक यह सब प्लानिंग के साथ किया गया है। सब कुछ इस ओर इशारा करता है कि यह एक पहले से प्लान किया गया हमला था जिसे काफी समय पहले प्लान किया गया था। कहा तो यह भी जा रहा है कि सिडनी में आतंकी हमले को अंजाम देने वाला शख्स पहले से ही ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन (ASIO) के रडार पर था। आतंकी हमले को रोका नहीं जा सका और लोगों की मौत हुई है।

क्या था हमले का मकसद?
फिलहाल, सिडनी में हुए आतंकी हमले के बाद पुलिस इसके पीछे के मकसद की जांच कर रही है। कमिश्नर लैन्योन ने घटनास्थल पर ISIS का झंडा मिलने की खबरों पर भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने मकसद को समझने की अहमियत पर जोर दिया। गोलीबारी के दौरान 2 पुलिस अधिकारी भी घायल हुए हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने आने वाले दिनों में सुरक्षा बढ़ाने की बात कही है। हमले से लोग सदमे में हैं। एक बार फिर दुनिया ने आतंक के भयावह रूप को देखा है और इस बार निशाने पर ऑस्ट्रेलिया का सिडनी शहर रहा जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
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