अफगानिस्तान में महिला गाइड सोमाया मोनिरी कर रही हैं कमाल का काम, जानें इनकी दिलचस्प कहानी
अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है लेकिन ऐसे हालात में भी महिलाएं नई राह तलाश रही हैं। ऐसी ही एक महिला सोमाया मोनिरी हैं। चलिए सोमाया की दिलचस्प कहानी जानते हैं।

Afghanistan Female Tour Guide: अफगानिस्तान में तालिबान की सख्ती के बीच एक महिला गाइड यहां स्थित संग्रहालय में आने वाली महिला पर्यटकों के समूहों का नेतृत्व कर रही हैं। महिला गाइड विदेशी मेहमानों को बारीकी से जानकारी दे रही हैं। पर्यटकों का अपनी गाइड के साथ चलना और संग्रहालय के बारे में दी जा रही जानकारी को सुनना एक अनूठा अनुभव है। अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा ग्रहण करने और काम करने पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हुई हैं।
सोमाया मोनिरी ने ऐसे शुरू किया काम
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय संग्रहालय में आने वाले विदेशियों के समूह में केवल महिलाएं हैं, गाइड भी एक महिला ही हैं। सोमाया मोनिरी (24) को यह नहीं पता था कि पर्यटक गाइड जैसा भी कोई पेशा होता है। लेकिन, अपनी अंग्रेजी भाषा सुधारने में मदद के लिए इंटरनेट पर खोज करते हुए, उनकी नजर ‘काउचसर्फिंग’ पर पड़ी, एक ऐसा ऐप जिसके जरिए यात्री स्थानीय लोगों से जुड़ सकते हैं और उनके घरों में रह सकते हैं।
सोमाया मोनिरी ने क्या कहा?
सोमाया मोनिरी बताती हैं, ‘‘एक पर्यटक की मेजबानी करने के बाद, मुझे इसमें बहुत रुचि हो गई और यह मेरे लिए बेहद दिलचस्प था। यह बहुत अनोखा था। मैंने इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना था, इसलिए मैंने सोचा, क्यों ना ऐसा किया जाए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के बारे में हमने जो कुछ भी सुना है, वह बस नकारात्मकता ही थी। लोगों का ध्यान, मीडिया का ध्यान, सब कुछ बस नकारात्मकता पर ही था और निश्चित रूप से हम उससे प्रभावित होते हैं।’’
मनमोहक देश है अफगानिस्तान
मोनिरी का मानना है कि अफगानिस्तान कहीं ज्यादा मनमोहक है। दशकों के युद्ध और अराजकता से उबर रहे इस देश में बेशक समस्याएं हैं, लेकिन इस जटिल, अद्भुत देश का एक दूसरा पहलू भी है। मोनिरी का अपनी मातृभूमि के लिए प्यार गहरा है, और वह इसे दुनिया को दिखाने के लिए उत्सुक हैं। वह धीरे-धीरे लोगों की धारणाओं को बदलने की उम्मीद करती हैं।
82 साल की ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक ने क्या कहा?
मोनिरी के संपर्क में आने वाले आगंतुकों में से एक एक ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक सुजैन सैंड्राल हैं। वह मूल रूप से 1960 के दशक में अफगानिस्तान देखना चाहती थीं, लेकिन परिवार के दबाव ने उन्हें दूर रखा। अब 82 वर्ष की उम्र में, वह काबुल में मोनिरी के केवल महिलाओं के पर्यटन समूह का हिस्सा बनीं। सैंड्राल ने कहा कि अफगानिस्तान में उनकी यात्रा का अनुभव काफी अच्छा रहा, जहां आम लोगों तक ने उन्हें अपनेपन का अहसास दिया। शिकागो की 35 वर्षीय स्वतंत्र यात्री जैकी बिरोव, जो पर्यटक समूह का हिस्सा नहीं थीं, ने अफगान लोगों को ‘‘अविश्वसनीय रूप से मेहमाननवाज’’ बताया। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अच्छी तरह पता है कि मुझे स्थानीय महिलाओं की तुलना में कहीं ज्यादा आजादी है।’’ (एपी)
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