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अफगानिस्तान में क्या है लड़कियों का हाल, बस 13 साल की नाहिदे के बारे में जान लें आप; सब समझ जाएंगे

अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। तालिबान ने अफगान लड़कियों और महिलाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। लड़कियां छठी कक्षा से आगे पढ़ाई नहीं कर सकती हैं और महिलाओं के कई सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर प्रतिबंध लगा है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Jul 24, 2025 06:59 pm IST, Updated : Jul 24, 2025 06:59 pm IST
अफगान लड़की नाहिदे (लेफ्ट साइड)- India TV Hindi
Image Source : AP अफगान लड़की नाहिदे (लेफ्ट साइड)

काबुल: नाहिदे स्कूल से आने के बाद हर दिन छह घंटे एक कब्रिस्तान में काम करती है, पास की एक दरगाह से पानी इकट्ठा करती है और कब्रों पर शोक मनाने आने वालों को पानी बेचती है। नाहिदे का सपना है कि वह डॉक्टर बने लेकिन उसे यह मालूम है कि यह ख्वाब फिलहाल पूरा नहीं होने वाला क्योंकि जब स्कूल का अगला सत्र शुरू होगा तो कुरान और इस्लाम के बारे में पढ़ने के लिए एक मदरसे में उसका दाखिला करा दिया जाएगा। 

अफगान लड़की नाहिदे ने क्या कहा?

नाहिदे ने कहा, ‘‘मुझे स्कूल जाना पसंद है, लेकिन मैं नहीं जा पाउंगी, इसलिए मैं मदरसे जाऊंगी।’’ नाहिदे ने कहा, ‘‘अगर मैं स्कूल जाती तो पढ़ाई करके डॉक्टर बन पाती। लेकिन, मैं नहीं बन सकती।’’ नाहिदे की गहरी भूरी आंखों में सपना पूरा नहीं हो पाने की मायूसी साफ झलक रही थी। तेरह साल की नाहिदे प्राथमिक विद्यालय की आखिरी कक्षा में है। अफगानिस्तान में छठी कक्षा के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा उनके पहनावे और कहीं आने-जाने को लेकर भी पाबंदियां हैं। 

मदरसों का रुख कर रही हैं लड़कियां

उच्च शिक्षा हासिल करने का कोई विकल्प नहीं होने के कारण, कई लड़कियां मदरसों का रुख कर रही हैं। काबुल में स्थित ‘तस्नीम नसरत इस्लामिक साइंसेज एजुकेशनल सेंटर’ के निदेशक जाहिद-उर-रहमान साहिबी ने कहा, ‘‘चूंकि स्कूल लड़कियों के लिए बंद हैं, इसलिए वो इसे एक अवसर के रूप में देखती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, वो यहां धर्मशास्त्र की शिक्षा हासिल करने और अध्ययन करने के लिए आती हैं।’’ इस केंद्र में लगभग 400 छात्राएं हैं, जिनकी आयु लगभग तीन से 60 वर्ष के बीच है। वो कुरान, इस्लामी न्यायशास्त्र, पैगंबर मोहम्मद के कथनों और अरबी का अध्ययन करती हैं। 

 Afghan Girls

Image Source : AP
Afghan Girls

तालिबान के अंदर से भी उठे हैं सवाल

अफगानिस्तान में महिलाओं के माध्यमिक और उच्च शिक्षा हासिल करने पर प्रतिबंध विवादास्पद रहा है, यहां तक कि इसको लेकर तालिबान के अंदर से भी असहमति के स्वर उठे हैं। उपविदेश मंत्री शेर अब्बास स्तानिकजई ने जनवरी में एक सार्वजनिक संबोधन में कहा था कि लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित करने का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, तालिबान नेतृत्व को कथित रूप से उनका यह बयान पसंद नहीं आया और अब वह आधिकारिक रूप से छुट्टी पर हैं। माना जाता है कि उन्होंने देश छोड़ दिया है। (एपी)

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