यरुशलम: भारत भी अब इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की तर्ज पर आतंकवादियों का सफाया करेगा। भारत की इस मुहिम में इजराल साथ देगा। इजरायल की प्रमुख रक्षा कंपनी इजरायल वेपन इंडस्ट्रीज (IWI) ने कहा है कि वह अगले साल की शुरुआत से भारत को 40,000 लाइट मशीन गनों (LMG) की पहली खेप सप्लाई करने जा रही है। साथ ही, करीब 1.70 लाख नई पीढ़ी की क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB) कार्बाइन राइफलों की सप्लाई के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर अंतिम चरण में है।
इजरायली हथियारों से होगा आतंक का खात्मा
भारत अब इजरायली हथियारों से आतंकवादियों का सफाया करेगा। इजरायली कंपनी IWI के सीईओ शुकी श्वार्ट्ज ने कहा कि उनकी कंपनी भारत के गृह मंत्रालय के विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर पिस्तौल, राइफल और मशीन गन सहित अपने उत्पादों को बढ़ावा दे रही है।उन्होंने बताया, “हम इस समय तीन बड़े कार्यक्रमों में शामिल हैं। पहला है पिछले साल हस्ताक्षरित 40,000 लाइट मशीन गनों का अनुबंध। सभी टेस्ट, ट्रायल और सरकारी जांच पूरी हो चुकी हैं। हमें उत्पादन का लाइसेंस भी मिल गया है। हमारा इरादा नए साल की शुरुआत में ही पहली खेप सप्लाई करने का है।” LMG की पूरी सप्लाई 5 साल में पूरी होगी, लेकिन हम इसे और तेजी से भी कर सकते हैं। पहली खेप जनवरी-फरवरी में ही पहुंच जाएगी।
भारत-इजरायल के बीच सीक्यूबी कार्बाइन टेंडर
दूसरा बड़ा कार्यक्रम CQB कार्बाइन टेंडर का है, जिसमें IWI दूसरी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी है (पहली है भारत फोर्ज)। श्वार्ट्ज ने कहा, “हम इस अनुबंध का 40% हिस्सा (लगभग 1,70,000 कार्बाइन) सप्लाई करेंगे। अनुबंध पर हस्ताक्षर का प्री-स्टेज चल रहा है और मुझे विश्वास है कि यह इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक फाइनल हो जाएगा।” इस टेंडर में 60% कार्बाइन भारत फोर्ज बनाएगी, जबकि बाकी 40% अदाणी ग्रुप की सब्सिडियरी PLR सिस्टम्स के जरिए IWI सप्लाई करेगी। अर्बेल तकनीक पर भी बात चल रहीश्वार्ट्ज ने बताया कि वे भारत के साथ अपनी सबसे उन्नत ‘अर्बेल’ तकनीक को एकीकृत करने की शुरुआती बातचीत कर रहे हैं। यह दुनिया का पहला कम्प्यूटरीकृत हथियार सिस्टम है जो जटिल एल्गोरिदम की मदद से यह तय करता है कि सैनिक का निशाना सही है या नहीं और फिर अत्यधिक सटीकता से तुरंत फायर करता है। उन्होंने कहा, “हम विभिन्न भारतीय एजेंसियों से अर्बेल सिस्टम अपनाने की शुरुआती चर्चा कर रहे हैं। जैसे ही वे इसे स्वीकार करेंगे, हम इजरायल और भारत में को-प्रोडक्शन के जरिए सप्लाई करेंगे।
मेक इन इंडिया पहल का साथी बनेगा इजरायल
स्थानीय उत्पादन का काम PLR सिस्टम्स संभालेगा।”गृह मंत्रालय के साथ भी लगातार सहयोगIWI गृह मंत्रालय और उसकी विभिन्न एजेंसियों (जैसे CRPF, BSF आदि) के साथ कई छोटे-बड़े अनुबंधों के तहत पिस्तौल, राइफल और LMG की सप्लाई वर्षों से कर रही है। श्वार्ट्ज ने कहा कि हर साल “दसियों हज़ार” हथियारों की सप्लाई होती रहती है।उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ पहल में IWI के शुरुआती समर्थन पर गर्व जताते हुए कहा कि अदाणी ग्रुप के साथ उनकी साझेदारी मजबूत हो रही है और भविष्य में लाइट वेपन्स के स्थानीय उत्पादन व अर्बेल जैसी उन्नत तकनीकों के हस्तांतरण में यह साझेदारी अहम भूमिका निभाएगी।यूरोपीय देशों द्वारा कुछ उपकरणों की सप्लाई पर हालिया प्रतिबंधों के सवाल पर श्वार्ट्ज ने कहा, “इसीलिए इजरायल को अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ानी पड़ रही है। हमारे पास वैश्विक रक्षा बलों की जरूरत पूरी करने के लिए मजबूत सप्लाई चेन है और हम इसे और मजबूत कर रहे हैं।” (पीटीआई)