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पाकिस्तान और ईरान से निकाले गए अफगानों के साथ तालिबान ने क्या किया? जानकर हैरान रह जाएंगे आप

अफगानिस्तान में तालिबान राज चल रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में तालिबान को लेकर चौंकाने वाली बातें कही गई हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Jul 24, 2025 06:30 pm IST, Updated : Jul 24, 2025 06:30 pm IST
Taliban Fighter- India TV Hindi
Image Source : AP Taliban Fighter

इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को कहा गया कि ईरान और पाकिस्तान से जबरन वापस भेजे गए अफगानिस्तानी नागरिकों को उनकी पहचान या व्यक्तिगत इतिहास के कारण तालिबान ने यातनाएं दी हैं। पाकिस्तान और ईरान लाखों अफगानों को अपने देशों से निष्कासित कर रहे हैं, जिन्हें वो अवैध रूप से रह रहे प्रवासी बताते हैं। अफगान अधिकारियों ने नागरिकों से वापस लौटने का आग्रह किया है और 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद देश छोड़ने वालों के लिए माफी की घोषणा भी की है। लेकिन, मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार चेतावनी दी है कि लौटने वाले कुछ लोगों को उनके लिंग, पश्चिम-समर्थित पूर्व के शासन से संबंध या पेशे के कारण प्रताड़ना का खतरा है। 

लोगों के साथ किया गया अमानवीय बर्ताव

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ लोगों को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों का सामना करना पड़ा है, जबकि अन्य तालिबान द्वारा प्रतिशोध लिए जाने की आशंका से छिपने या स्थान बदलने को मजबूर हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उल्लंघनों में तालिबान के हाथों यातना, दुर्व्यवहार, मनमानी गिरफ्तारी और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा शामिल है। एक पूर्व सरकारी अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र मिशन को बताया कि 2023 में अफगानिस्तान लौटने के बाद उसे हिरासत में लिया गया और डंडों व तारों से बुरी तरह पीटा गया। एक ट्रांसजेंडर ने बताया कि उसे बुरी तरह पीटा गया, यहां तक कि बंदूक की बट से भी मारा गया। 

Taliban Fighter Guarding Refugee Camps

Image Source : AP
Taliban Fighter Guarding Refugee Camps

लड़कियों और महिलाओं पर हैं कड़े प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने कहा कि किसी को भी ऐसे देश में वापस नहीं भेजा जाना चाहिए, जहां उसे उसकी पहचान या व्यक्तिगत इतिहास के कारण उत्पीड़न का खतरा हो। उन्होंने कहा कि अफगान महिलाओं और लड़कियों के मामले में यह स्थिति और भी अधिक स्पष्ट है, जिन्हें "केवल लिंग के आधार पर उत्पीड़न" के कई मामलों का सामना करना पड़ता है। तालिबान ने अफगान लड़कियों और महिलाओं पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इनमें छठी कक्षा से आगे की शिक्षा, अधिकांश रोजगार और कई सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर प्रतिबंध शामिल हैं। 

तालिबान अधिकारियों ने क्या कहा?

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तालिबान अधिकारियों ने अफगानी नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार से इनकार किया तथा पहचान या व्यक्तिगत इतिहास के आधार पर गिरफ्तारी, हिंसा, धमकी या प्रतिशोध के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से लौटने वाले अफगान नागरिकों को दस्तावेजीकरण, परिवहन, पुनर्वास और अन्य कानूनी सहायता से संबंधित सुविधाएं प्रदान की गईं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने उनका "गर्मजोशी से स्वागत" किया है। (एपी) 

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