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कभी इंटेलिजेंस में नहीं किया काम, जानें PM बेंजामिन नेतन्याहू ने किसे सौंपी मोसाद की कमान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा फैसला लिया है। पीएम नेतन्याहू ने मेजर जनरल रोमन गोफमैन को मोसाद की कमान सौंपने का फैसला लिया है। गोफमैन का इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Dec 05, 2025 10:00 am IST, Updated : Dec 05, 2025 10:09 am IST
Benjamin Netanyahu (R) Roman Gofman (L)- India TV Hindi
Image Source : @ISRAELIPM Benjamin Netanyahu (R) Roman Gofman (L)

Israel New Mossad Chief: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए मोसाद की कमान मेजर जनरल रोमन गोफमैन को सौंप दी है। गोफमैन का विदेशी खुफिया क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं है। वह मौजूदा मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल जून 2026 में समाप्त हो रहा है। 

रोमन गोफमैन के बारे में जानें

रोमन गोफमैन (49) का जन्म 1976 में बेलारूस में हुआ था। 14 साल की उम्र में वह इजरायल आ गए थे। 1995 में उन्होंने इजरायली सेना की बख्तरबंद कोर को ज्वाइन किया और लंबी सेवा दी। 7 अक्टूबर 2023 के हमास ने जब इजरायल पर आतंकी हमला किया था तो उस समय वो नेशनल इन्फैंट्री ट्रेनिंग सेंटर के कमांडर थे। उसी दिन गाजा सीमा के पास स्डेरोट शहर में हमास के आतंकियों से लड़ते हुए वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गोफमैन को अप्रैल 2024 में प्रधानमंत्री नेतन्याहू का सैन्य सचिव बनाया गया था।

'वफादारी का मिला इनाम'

गोफमैन की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में नेतन्याहू ने शिन बेट (घरेलू सुरक्षा एजेंसी) के प्रमुख के रूप में धार्मिक जियोनिस्ट आंदोलन से जुड़े डेविड जिओनी को चुना था, जिसे लेकर राजनीतिक विवाद हुआ था। गोफमैन भी कब्जे वाले वेस्ट बैंक की कुख्यात दक्षिणपंथी धार्मिक बस्ती एली येशिवा के पूर्व छात्र हैं, हालांकि वह सार्वजनिक रूप से यार्मुल्के (यहूदी टोपी) नहीं पहनते हैं। विपक्षी और कुछ मीडिया हलकों में इस नियुक्ति को 'वफादारी पर आधारित राजनीतिक नियुक्ति' करार दिया जा रहा है। 

गोफमैन की नियुक्ति पर विवाद

प्रमुख वामपंथी अखबार हआरेट्ज के स्तंभकार उरी मिसगाव ने गोफमैन को 'खुफिया अनुभव की कमी के कारण मोसाद का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह अयोग्य' बताया। उन्होंने दावा किया कि जिओनी की तरह गोफमैन की नियुक्ति का मुख्य आधार भी नेतन्याहू के प्रति उनकी निजी वफादारी है। नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, 'मेजर जनरल गोफमैन असाधारण रूप से योग्य अधिकारी हैं। युद्धकाल में प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव के रूप में उनकी भूमिका ने उनकी बेहतरीन पेशेवर क्षमताओं को साबित किया है।'

मोसाद ने खुद को साबित किया

गौरतलब है कि, 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले की खुफिया नाकामी के लिए मोसाद को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया था, क्योंकि फिलिस्तीनी क्षेत्र उसके परंपरागत ऑपरेशन क्षेत्र से बाहर माने जाते हैं। इसके बाद मोसाद ने हिजबुल्लाह के खिलाफ ऑपरेशनों (पेजर विस्फोट) और जून 2025 में ईरान के साथ 12 दिनों की जंग में अपनी क्षमताओं को साबित किया है। 

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