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Hindi News विदेश एशिया चंद्रयान के बाद अब 2023 में भारत ने शुरू की गगनयान की तैयारी, इतने मानवों के साथ करेगा अंतरिक्ष की सैर

चंद्रयान के बाद अब 2023 में भारत ने शुरू की गगनयान की तैयारी, इतने मानवों के साथ करेगा अंतरिक्ष की सैर

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। चंद्रयान के बाद भारत ने अब 2023 में गगनयान समेत कई अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो 3 मानवों के साथ अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की योजना तैयार कर रहा है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। चंद्रयान के बाद भारत ने अब 2023 में गगनयान समेत कई अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो 3 मानवों के साथ अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की योजना तैयार कर रहा है। भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि हम वर्ष 2023 में गगनयान की तैयारी समेत कई नये अभियान शुरू करेंगे। मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ की तैयारी जल्द पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त अंतरिक्षयान की क्षमता को दर्शाने के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 3 दिनों के मिशन के तहत 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित तरीके से हिंद महासागर में उतारा जाएगा। 

मार्च में एक साथ होगा 36 उपग्रहों का प्रक्षेपण
इसरो प्रमुख ने कहा कि शुक्रवार को एलवी डी 2 के सफल प्रक्षेपण ने इस साल इसरो के व्यस्त कार्यक्रम की लय कायम कर दी है और इस वर्ष के लिए कई धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) और भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से जुड़े अभियान निर्धारित किए गए। लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) डी2 के सफल प्रक्षेपण के बाद उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल हम जीएसएलवी एमके-तीन के अगले प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे हैं और एलवीएम 3 एम3 मिशन के तहत मध्य मार्च तक वनवेब इंडिया-2 का प्रक्षेपण होगा जिसमें 36 उपग्रह होंगे। एसएलवी प्रक्षेपण के तुरंत बाद इसरो ने पीएसएलवी सी 55 मिशन के प्रक्षेपण अभियान की शुरुआत कर दी।

यह प्रक्षेपण न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए होगा जो एक वाणिज्यिक प्रक्षेपण है। अन्य योजनाओं के तहत ‘रीयूजेबल प्रक्षेपण यान‘ का ‘लैंडिंग प्रदर्शन’ भी शामिल है। सोमनाथ ने कहा, ‘‘फिलहाल टीम चित्रदुर्ग स्थित केंद्र पर है। हमें उम्मीद है कि कुछ दिनों में शुरुआती तैयारी हो जाएगी और हम लैंडिंग प्रदर्शन करने में समर्थ होंगे।’’ उन्होंने कहा कि निसार (नासा-इसरो सार अभियान) की शुरुआत इस साल के अंत में की जाएगी। 

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