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Hindi News विदेश एशिया Heatwave Warning: गर्मी से 'लाल' हुआ पड़ा है पूरा देश, भारत-पाकिस्तान में कहर बरपाएगी झुलसाने वाली गर्मी

Heatwave Warning: गर्मी से 'लाल' हुआ पड़ा है पूरा देश, भारत-पाकिस्तान में कहर बरपाएगी झुलसाने वाली गर्मी

स्कॉटलैंड के मौसम विज्ञानी स्कॉट डंकन की चेतावनी के मुताबिक आने वाले दिनों में गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। स्कॉट डंकन ने ट्विटर पर शेयर एक थ्रेड में लिखा कि खतरनाक और झुलसाने वाली गर्मी भारत और पाकिस्तान की ओर बढ़ रही है।

<p>Scorching & dangerous heat on the way for India...- India TV Hindi Image Source : TWITTER Scorching & dangerous heat on the way for India & Pakistan

इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। दोनों ही देशों के लोग 40-50 डिग्री सेल्सियस की गर्मी झेल रहे हैं। स्कॉटलैंड के मौसम विज्ञानी स्कॉट डंकन की चेतावनी के मुताबिक आने वाले दिनों में भी इससे राहत नहीं मिलेगी। स्कॉट डंकन ने ट्विटर पर शेयर एक थ्रेड में लिखा कि खतरनाक और झुलसाने वाली गर्मी भारत और पाकिस्तान की ओर बढ़ रही है।

उन्होंने लिखा, ''अप्रैल में तापमान रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ेगा। उच्चतम तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है। पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। यह गर्मी काफी पहले शुरू हो गई थी...मार्च की शुरुआत से ही।'' स्कॉट डंकन ने मार्च 2022 का एक ग्राफिक्स शेयर किया और कहा कि आप देख सकते हैं कि मार्च के महीने में दुनिया के इस हिस्से में कितनी बेरहमी से गर्मी पड़ रही है।

उन्होंने Berkeley Earth के डेटा के हवाले से बताया कि कैसे 19वीं शताब्दी के बाद से भारत और पाकिस्तान के तापमान में बदलाव आया है। उन्होंने लिखा, ''जैसे-जैसे हमारा ग्रह गर्म होता है, हीटवेव और ज्यादा ताकतवर हो जाती हैं। गर्मी के खतरनाक स्तर साल के ज्यादातर समय में देखे जा सकते हैं।''

बता दें कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जनवरी में घोषणा की थी कि साल 2021 तापमान का रिकॉर्ड रखे जाने के बाद से ग्रह के सात सबसे गर्म वर्षों में से एक था।

औसत वैश्विक तापमान में हर साल लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हो रही है। 2020 में महामारी से थोड़ी गिरावट के बाद 2021 में वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन लगभग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना होगा। ग्रह के और अधिक ताप को कम करने के लिए तेजी से डीकार्बोनाइजेशन की आवश्यकता है। सबसे खतरनाक जलवायु परिवर्तन प्रभावों से बचने के लिए अभी देर नहीं हुई है।

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