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बड़ा खुलासा! ISI अफसर के संपर्क में थे इमरान खान, हमले के बाद भी फिक्स की मीटिंग

सवाल उठता है कि जब इमरान खान खुद ISI अफसर फैसल के संपर्क में थे तो वो उस पर खुलेआम इतने गंभीर आरोप क्यों लगा रहे हैं या फिर वो फैसल नसीर को महज एक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं फौज पर दबाव बनाने के लिए।

imran khan- India TV Hindi Image Source : PTI इमरान खान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सियासत में एक बहुत बड़ा ट्विस्ट आया है। आपने हाल फिलहाल में इमरान खान के मुंह से ISI के मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम दर्जनों बार सुना होगा। इमरान इसी अफसर को अपने खिलाफ साजिश का मास्टरमाइंड बताते हैं लेकिन अब खुलासा हुआ है कि इमरान तो इस ISI अफसर के संपर्क में थे और उनके लोग इमरान के ही कहने पर मेजर जनरल फैसल नसीर के साथ बार बार मुलाकातें कर रहे थे। कहा ये जा रहा है कि इमरान और ISI के बीच कोई बड़ी डील होने वाली थी जिसमें मेजर जनरल फैसल का अहम रोल था लेकिन ये डील अंजाम तक पहुंच पाती इससे पहले ही इमरान पर गोली चल गई।

शरीफ और भुट्टो परिवारों के खिलाफ फौज मेरा साथ दे- इमरान
माना जा रहा है कि इसी गोली ने पाकिस्तान और इमरान का सारा खेल बिगाड़कर रख दिया जिसके बाद से इमरान मेजर जनरल फैसल पर बौखला गए और उन पर हत्या की साजिश का आरोप लगा दिया। किसी भी कीमत पर सत्ता वापसी के लिए अड़े इमरान खान ने पाकिस्तानियों के दिमाग को चकरघिन्नी बना दिया है। आधा पाकिस्तान इमरान के लॉन्ग मार्च के तमाशे से त्रस्त है तो बाकी आधा उनपर जान लुटाने को तैयार है। खुद इमरान भी कन्फ्यूज हैं कि वो चाहते क्या हैं। एक तरफ वो ISI अफसर मेजर जनरल फैसल के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोले हुए हैं। दूसरी तरफ वो ये अपील पर अपील भी किए जा रहे हैं कि शरीफ और भुट्टो परिवारों के खिलाफ फौज उनका साथ दे।

फैसल पर इमरान ने मढ़ा साजिश का आरोप
खुद पर हुए हमले को इमरान पहले दिन से ISI अफसर फैसल नसीर की साजिश बता रहे हैं। वो फैसल नसीर समेत प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के गृहमंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की जिद पर अड़े हैं, इसके लिए वो सुप्रीम कोर्ट से भी मिन्नतें कर रहे हैं ये और बात है कि कोर्ट ने उनकी अर्जी मिनटों में खारिज कर दी। इमरान ने अपने बयान में कहा था, ''मुझे पता है इसने (फैसल) मास्टरमांइड किया है सबकुछ... मैं साढे़ तीन साल प्रधानमंत्री था, मेरे नीचे थी ये एजेंसी, मुझे पता है कैसे चलती हैं ये एजेंसी, मुझे अंदर से खबर आ रही थी। मैं अगर देश का पूर्व प्रधानमंत्री एक FIR नहीं  लिखवा सकता अगर ये कहना कि इमरान यह अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर रहा है तो मुझे राजनीति चमकाने के लिए यह करने कि जरुरत नहीं है। इस वक्त  सारे पाकिस्तान के अंदर कहीं भी चलें जाएं एक अगर पार्टी कभी भी इतनी लोकप्रिय हुई है। पाकिस्तान के इतिहास में आज ये पार्टी  (PTI)है  जो देश का मसला है और चीफ जस्टिस साहब यह मुल्क के भविष्य का मसला है और यह भविष्य आपके हाथ में है। देश के लोग आपकी तरफ देख रहें हैं।''

इमरान के दूत ने की थी तीनों मुलाकात
इमरान खान जिस ISI अफसर फैसल नसीर के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं, खुलासा हुआ है जिन इमरान खान ने उसी फैसल नसीर से मुलाकात के लिए अपना दूत भेजा था वो भी एक नहीं तीन तीन बार। ISI अफसर फैसल नसीर को अपनी जान का दुश्मन बताने वाले इमरान 3 नवंबर को खुद पर हुए हमले के बाद फैसल से खुद ही मिलने की तैयारी में थे। पाकिस्तानी मीडिया में ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि इमरान के उसी दूत मेजर खुर्रम ने किया है।

इमरान को किस बात का है डर?
सवाल उठता है कि जब इमरान खुद ISI अफसर फैसल के संपर्क में थे तो वो उस पर खुलेआम इतने गंभीर आरोप क्यों लगा रहे हैं या फिर वो फैसल नसीर को महज एक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं फौज पर दबाव बनाने के लिए। पूरा तमाशा सिर्फ इस बात का है कि पाकिस्तान में अगला आर्मी चीफ कौन होगा। इमरान को डर है कि अगर शरीफ सरकार ने अपनी पसंद का चीफ बना लिया तो उनके लिए आगे का रास्ता बहुत मुश्किल हो जाएगा इसीलिए वो चाहते हैं कि या तो आर्मी चीफ उनकी मर्जी के मुताबिक बने या फिर जनरल बाजवा का एक्सटेंशन हो जाए। उन्हें शायद उम्मीद है कि बाजवा के दिल में उनके लिए पुरानी हमदर्दी फिर से जाग जाए लेकिन बाजवा ऐलान कर चुके हैं कि वो एक्सटेंशन नहीं लेंगे और 29 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे।

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