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Hindi News विदेश एशिया "1971 की तरह होने वाले हैं पाकिस्तान के दो टुकड़े", जानें पूर्व PM इमरान खान ने क्यों जाहिर की आशंका

"1971 की तरह होने वाले हैं पाकिस्तान के दो टुकड़े", जानें पूर्व PM इमरान खान ने क्यों जाहिर की आशंका

पाकिस्तान फिर से 2 टुकड़ों में बंटने के करीब आ गया है। जिस तरह से वर्ष 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और भारत ने उसे जंग में हरा दिया था, ठीक वैसे ही हालात फिर आने वाले हैं। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया है। इमरान का कहना है कि पाकिस्तान अपनी पुरानी गलतियां दोहरा रहा है।

इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री। - India TV Hindi Image Source : AP इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री।

इस्लामाबादः पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर खड़ा है। पाकिस्तान का हाल वर्ष 1971 जैसा होने वाला है, जब भारत ने उसके 2 टुकड़े कर दिए थे। यानि एक बार फिर पाकिस्तान 2 टुकड़ों में बंट सकता है। यह आशंका पाकिस्तान के  पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जताई है। पाकिस्तान ने देश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और 1971 की ढाका त्रासदी की परिस्थितियों के बीच तुलना की और आगाह किया कि नकदी संकट से जूझ रहे देश में मौजूदा हालात के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था ठप पड़ सकती है।

समाचार पत्र ‘डॉन’ ने अपनी एक खबर में बताया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक अध्यक्ष खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल से एक संदेश में मौजूदा सरकार को याद दिलाया कि ‘‘देश और संस्थान स्थिर अर्थव्यवस्था के बिना नहीं बच सकते।’’ पीटीआई के केंद्रीय सूचना सचिव रऊफ हसन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खान का संदेश मीडिया को सुनाया। पार्टी की कानूनी टीम ने बुधवार को जेल में 71 वर्षीय नेता से मुलाकात की थी। बैरिस्टर रज़ा ने मीडिया को बताया कि खान अपने निश्चय में दृढ़ लेकिन देश और जनता के प्रति चिंतित नजर आए।

इमरान ने कहा कि पाकिस्तान दोहरा रहा है अपनी पुरानी गलती

रज़ा ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री का संदेश सुनाया,‘‘ जब आप जनता को अधिकार नहीं देते तब आप यह नहीं कह सकते कि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी।’’ उन्होंने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा,‘‘1970 में सेना प्रमुख याह्या खान त्रिशंकु संसद चाहते थे लेकिन जब शेख मुजीबुर रहमान की पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला तो सेना ने धोखाधड़ी से उपचुनाव कराया, जिसमें अवामी लीग की 80 सीटें छीन ली गईं क्योंकि याह्या खान राष्ट्रपति बनना चाहते थे। ’’ खान ने अपने संदेश में कहा, ‘‘मैं हमूदुर रहमान आयोग की रिपोर्ट की याद दिलाना चाहता हूं कि हम फिर से वही गलतियां दोहराने जा रहे हैं जो हमने अतीत में की थीं।

1970 में ‘लंदन प्लान’ था और आज फिर से ‘लंदन प्लान’ के जरिए एक सरकारी थोपी गई है।’’ खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने लगातार कहा है कि आठ फरवरी के आम चुनावों के नतीजे में धांधली हुई थी और पाकिस्तान सेना ने सत्ता संभालने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का साथ दिया है।(भाषा)

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