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Hindi News विदेश एशिया चीनी दूतावास के बयान से नेपाल में बवाल, प्रधानमंत्री कमल दहल को भी नहीं थी इस बात की खबर

चीनी दूतावास के बयान से नेपाल में बवाल, प्रधानमंत्री कमल दहल को भी नहीं थी इस बात की खबर

''चीन के साथ पोखरा हवाई अड्डे की बातचीत 2010 से शुरू हुई थी उसके बाद चीन ने बीआरआई लॉन्च किया था तो यह कैसे बीआरआई के तहत आता है।''

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'- India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'

नेपाल में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि काठमांडू में चीनी दूतावास ने घोषणा की है कि 'पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा' चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है। हवाई अड्डे को बीआरआई से जोड़ते हुए चीनी दूतावास द्वारा की गई घोषणा से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बता दें, हवाई अड्डे का निर्माण चीनी ऋण पर किया गया था जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने रविवार को किया, लेकिन उद्घाटन के दिन दूतावास द्वारा अचानक की गई घोषणा ने काठमांडू में विवाद खड़ा कर दिया है।

चार्ज डी अफेयर्स वांग शिन ने क्या कहा?

उद्घाटन से एक दिन पहले, दूतावास ने कहा, ''यह चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है। नेपाली सरकार और नेपाली लोगों को हार्दिक बधाई।'' उद्घाटन के दिन चार्ज डी अफेयर्स वांग शिन ने कहा, ''2023 राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीआरआई पहल के प्रस्ताव की 10वीं वर्षगांठ है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के मार्गदर्शन में हम संयुक्त रूप से ट्रांस-हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क का निर्माण करेंगे और बीआरआई सहयोग को फलदायी परिणाम देंगे।''

प्रधानमंत्री दहल ने चिंता जताई

नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री दहल ने बुधवार को इस बात पर भी चिंता जताई कि यह मुद्दा अब क्यों और कैसे सामने आया। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी के अनुसार, ''दहल ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पोखरा हवाईअड्डा बीआरआई से संबंधित है या नहीं और दूतावास द्वारा दिए गए बयान पर भी हैरानी जताई।''

चीन ने अचानक दिया ये बयान

नेपाल के झील शहर पोखरा में परियोजना के उद्घाटन से पहले भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने बीआरआई के तहत परियोजना के निर्माण का जिक्र नहीं किया था। राजनीतिक दल के नेताओं ने पोखरा हवाई अड्डे के बारे में चीन के अचानक बयान देने और इसे अनावश्यक रूप से बीआरआई से जोड़ने पर चिंता व्यक्त की।

चीन से लोन लेकर बना था हवाई अड्डा

नेपाल सरकार ने पोखरा में नए हवाई अड्डे के निर्माण के लिए मार्च 2016 में चीन के साथ 215.96 मिलियन डॉलर के सॉफ्ट लोन समझौते पर हस्ताक्षर किया था। नेपाल और चीन ने 2017 में बीआरआई पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद नेपाल ने शुरूआत में राष्ट्रपति शी की प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजना के तहत शुरू की जाने वाली 35 परियोजनाओं का चयन किया। बाद में बीजिंग के अनुरोध पर पोखरा हवाई अड्डा सूची से बाहर होने के साथ परियोजनाओं की कुल संख्या 9 हो गई थी।

पोखरा हवाई अड्डा बीआरआई के ढांचे के तहत कैसे बना?

पूर्व विदेश मंत्री और यूएमएल के उप-महासचिव प्रदीप ग्यावली ने बताया, ''मेरा एक सवाल है कि किस आधार पर चीनी दूतावास सीडीए ने कहा कि पोखरा हवाई अड्डा बीआरआई के ढांचे के तहत बनाया गया है। चीन के साथ पोखरा हवाई अड्डे की बातचीत 2010 से शुरू हुई थी उसके बाद चीन ने बीआरआई लॉन्च किया था तो यह कैसे बीआरआई के तहत आता है।''

2016 में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे

नेपाल और चीन ने 2017 में बीआरआई फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जबकि चीन के एग्जिम बैंक और नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के बीच 2016 में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। ग्यावली ने कहा, ''मैं समझ नहीं पाया कि किस आधार पर चीनी सीडीए ने बीआरआई और पोखरा हवाईअड्डे पर बयान जारी किया।''

चीन के एग्जिम बैंक ने यह कहकर दिया था ऋण

चीन के एग्जिम बैंक ने ऋण का 25 प्रतिशत ब्याज मुक्त प्रदान करने और शेष राशि के लिए 20 वर्ष की चुकाने की अवधि के साथ ब्याज दर 2 प्रतिशत प्रति वर्ष निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की थी। सरकार ने बीआरआई के साथ पोखरा हवाई अड्डे के जुड़ाव पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जैसा कि चीनी पक्ष ने दावा किया है।

सीएएएन के महानिदेशक ने क्या कहा?

सीएएएन के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी ने कहा, ''चूंकि किसी भी चीनी दस्तावेज में यह नहीं कहा गया है कि पोखरा हवाई अड्डे का निर्माण बीआरआई के तहत किया गया, इसलिए हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस परियोजना का कोई भू-राजनीतिक संबंध नहीं है। पोखरा हवाई अड्डा चीन के साथ बीआरआई ढांचे पर हस्ताक्षर करने से बहुत पहले शुरू हो गया था।''

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