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UNGA में आतंकवाद, टीके, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे उठाएगा भारत: तिरुमूर्ति

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति ने कहा कि 76वीं UNGA कई कारणों से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

UNGA India, UNGA India terrorism, UNGA Narendra Modi, Narendra Modi in US- India TV Hindi Image Source : PTI तिरुमूर्ति ने कहा कि 76वें यूएनजीए सत्र में कोविड-19 महामारी और अफगानिस्तान में घटनाक्रम के हावी रहने की उम्मीद है।

न्यूयॉर्क: भारत आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, टीकों तक न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, हिंद-प्रशांत और संयुक्त राष्ट्र सुधार जैसे वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपनी आवाज बुलंद करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने एक इंटरव्यू में कहा कि 76वें यूएनजीए सत्र में कोविड-19 महामारी और अफगानिस्तान में घटनाक्रम के हावी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और इसके मानवीय प्रभाव के अलावा, सत्र के उच्च-स्तरीय खंड में जिन मुद्दों के हावी रहने की संभावना है उनमें वैश्विक आर्थिक मंदी, आतंकवाद और संबंधित मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, मध्य पूर्व तथा अफ्रीका में चल रहे संघर्ष, शामिल हैं।

अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों शामिल हैं। इस साल का UNGA सत्र 14 सितंबर से अब्दुल्ला शाहिद की अध्यक्षता में शुरू हुआ। उच्च स्तरीय सप्ताह, सामान्य चर्चा, 21 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन मंगलवार को विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को सामान्य चर्चा को संबोधित करेंगे। तिरूमूर्ति ने कहा, ‘76वीं UNGA कई कारणों से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। ऐसी उम्मीद है कि भारत विकासशील दुनिया की अग्रणी आवाज के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान सदस्य के रूप में वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए अपनी स्थिति का इस्तेमाल करेगा।’

तिरूमूर्ति ने कहा, ‘इनमें जलवायु परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्य, टीकों के लिए समान और सस्ती पहुंच, गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार, महिला सशक्तिकरण तथा शासन संरचनाओं में भागीदारी, आतंकवाद, शांति स्थापना/शांति निर्माण, हिंद-प्रशांत और संयुक्त राष्ट्र सुधार शामिल हैं। हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे, जैसा कि हमने वास्तव में पहले भी किया है।’ उन्होंने कहा कि भारत में महासभा में चर्चा को अधिक सहयोगात्मक और रचनात्मक ढांचे में लाने की क्षमता है ताकि ‘हम भागीदारों के साथ मिलकर, किसी भी विभाजनकारी एजेंडे का विरोध कर सकें या मौजूदा एजेंडे को कमजोर होने से रोक सकें।’

तिरूमूर्ति ने कहा, ‘यह एक ऐसी भूमिका है जिसे भारत निभा सकता है ताकि हम दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखें और संकीर्ण हितों द्वारा मुद्दों से भटकाने के प्रयासों को कामयाब न होने दें।’ इस वर्ष की आम चर्चा का विषय है ‘कोविड-19 से उबरने की आशा के माध्यम से लचीले रुख का निर्माण, स्थायी रूप से पुनर्निर्माण, ग्रह की जरूरतों का जवाब देना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना।’

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