रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध, पाकिस्तान-ईरान संघर्ष और चीन-ताइवान का तनाव व पश्चिमी एशिया में बढ़ते संघर्ष के खतरों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को चरम पर पहुंचा दिया है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी पहली बार तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर आधिकारिक बयान दिया है। इससे पूरी दुनिया ही सकते में आ गई है।
राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने एक्स पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज और भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट समन्वयक शोम्बी शार्प का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया गया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डेनिस फ्रांसिस की यात्रा के दौरान बातचीत में विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत का आह्वान दोहराया जाएगा, ताकि इस वैश्विक संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर इसे अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।’’
संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में गाजा में संघर्षविराम का प्रस्ताव पारित हो गया है। भारत सहित 153 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। जानिए गाजा में संघर्षविराम प्रस्ताव का किन देशों ने विरोध किया?
संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ पड़ोसी देश मिस्र यानी इजिप्ट एक ऐसा प्रस्ताव लेकर आया, जिसका भारत ने भी समर्थन किया है। इस प्रस्ताव पर भारत ने इजराइल के खिलाफ वोट दिया। मिस्र के इस प्रस्ताव के विरोध में अमेरिका, ब्रिटेन ने वोट किया।
गाजा में संघर्ष विराम के बीच फिलिस्तीन ने 12 और बंधकों को रिहा किया है। इसके बदले इजराइल ने 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। वहीं भारत ने यूएनजीए में इस युद्ध विराम का स्वागत किया है।
UN में इजराइल हमास जंग के बीच संघर्ष विराम का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव पर मतदान किया गया। जानिए इस पर भारत का क्या रुख रहा? भारत ने किस बात पर चिंता जताई है। पढ़िए पूरी खबर।
फिलिस्तीन के राजदूत ने गाजा में जारी युद्ध को लेकर कहा कि बमबारी पर रोक लगाकर लोगों की जान बचाई जाए। इस पर इजराइल के राजदूत ने कठोरता से जवाब देते हुए दो टूक कह दिया कि हमास का खात्मा करके ही दम लेंगे।
रूस के साथ भारत के रिश्ते 50 के दशक से ही मजबूत और स्थिर रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया में तेजी से हो रहे उथल-पुथल व उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देशों में यह स्थिरता बनी हुई है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों पर पूछे सवाल के संदर्भ में कही।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर राजनीतिक सहूलियत अपनाने के लिए यूएन समेत कनाडा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलने वाला है। जयशंकर ने कहा कि वे दिन बीत गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनडा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में बेहद आक्रामक रुख का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कनाडा राजनीतिक हितों के लिए भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने वाले खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहा है और उसे सहन कर रहा है। भारत ने अन्य देशों के लिए एजेंडा तय करने वालों को भी कोसा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के आक्रामक हमले से लगातार तिलमिलाए हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जब कनाडा पर बरसना शुरू किया तो दुनिया देखती रह गई। जयशंकर ने कनाडा को खुली चुनौती देते कहा कि सुबूत है तो सामने रखो।
आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद और उग्रवाद के मुद्दे पर दुनिया के बड़े बड़े देशों को खरी-खोटी सुनाई
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस वक्त भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर संबोधित कर रहे हैं
UN जनरल असेंबली को भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के विकास, जी20 समिट और वैश्विक समस्याओं पर भारत का पक्ष रखा।
आज जयशंकर यूएन असेंबली में भाषण देंगे। कइ मुद्दों पर भारत का पक्ष रखेंगे। इनमें कनाडा, पाकिस्तान, पीओके सहित अन्य मुद्दे शामिल रहेंगे। उनके इस भाषण पर दुनिया की नजर है। कनाडा के भारत सरकार पर अनर्गल आरोप, पाकिस्तान का उकसाने वाला बयान, इन सब पर करारा जवाब जयशंकर देंगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा न्यूयॉर्क में कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में जी-20 की अध्यक्षता संभाली जब East-West का ध्रुवीकरण और North-South का विभाजन तेज है। ऐसे वक्त में G-20 की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण थी। मगर भारत ने कर दिखाया। भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में कामयाब रहा।
न्यूयॉर्क में UNGA के दौरान भारत ने कनाडा का समर्थन करने वाले देशों को उनका नाम लिए बगैर इस कदर फटकार लगाई है कि जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की रही होगी। एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब भी दोहरे मानकों वाली है। हालांकि यह संदेश देते भारत ने कनाडा और खालिस्तानियों का कोई जिक्र नहीं किया।
भारत ने कोविड महामारी के दौरान कोरोना का टीका बनाकर न सिर्फ अपने देश के लोगों की जान बचाई, बल्कि दुनिया के 100 देशों में वैक्सीन मैत्री पहल के तहत इसे उपलब्ध कराया। पीएम मोदी के इस प्रयास की अब संयुक्त राष्ट्र महासभा में जमकर सराहना हो रही है। भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने इसे भारत की बड़ी मानवीय पहल बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पहुंचने के बाद अपने मित्र देशों के साथ कई द्विपक्षीय बहुपक्षीय बैठकें की। इस दौरान उन्होंने भारत के संबंधों को और रणनीतिक सहयोग को मजबूत किया। कनाडा से विवाद के बीच जयशंकर ने क्वॉड देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से भी अहम वार्ता की।
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