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बाइडेन की सरकार में भारत-अमेरिका के रिश्तों पर पड़ेगा असर? जानें, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

अमेरिका में थिंक टैंक और भारतवंशी विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे।

Joe Biden, Joe Biden India US Relationship, India US Relationship, India US Relationship Biden- India TV Hindi Image Source : AP अमेरिका में थिंक टैंक का मानना है कि राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे।

वॉशिंगटन: अमेरिका में थिंक टैंक और भारतवंशी विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करना जारी रखेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिकी रिश्ते अब व्यक्तियों पर निर्भर नहीं करते हैं और बाइडेन ने हमेशा भारत-अमेरिकी संबंधों का समर्थन किया है। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशल स्ट्डीज थिंक टैंक के रिक रोसो ने कहा, ‘बाइडेन प्रशासन भारत के लिए मुख्यतः सकारात्मक रहेगा। मुझे उम्मीद है कि सहयोग के सबसे सकारात्मक क्षेत्रों को बरकरार रखा जाएगा, खासकर रक्षा क्षेत्र को।’

‘व्यापार तनाव जारी रहेगा’
रोसो ने कहा कि दो प्रमुख मुद्दे हैं जो वास्तव में अमेरिका-भारत संबंधों को परिभाषित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘पहला, बाइडेन प्रशासन रूस से रक्षा खरीद को लेकर भारत पर संभावित प्रतिबंध से कैसे निपटता है? दूसरे, अगर अमेरिका भारत में सामाजिक मुद्दों को लेकर अपनी चिंताओं को जोर-शोर से उठाता है तो क्या दरार पैदा होगी? ’ उन्होंने यह भी कहा कि बाइडेन प्रशासन में भारत को ईरान के साथ रिश्तों को लेकर कम दबाव का सामना करना पड़ेगा और अक्षय ऊर्जा सहयोग को महत्व किया जाएगा। बहरहाल, रेसो ने कहा कि देशों के बीच व्यापार तनाव जारी रहेगा।

‘दोनों के रिश्ते मजबूत होंगे’
‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर पीस’ थिंक टैंक में 'टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटेजिक' एशले जे टेलिस के मुताबिक, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जो बाइडेन भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि बाइडेन को अपने देश में समस्याओं से पार पाना होगा और विदेश में अमेरिकी नेतृत्व को बहाल करना होगा, इसके अलावा सब कुछ बाद में है। नॉर्थ कैरोलाइना में रहने वाले निर्वाचित राष्ट्रपति के पुराने दोस्त स्वदेश चटर्जी ने कहा कि बाइडेन वास्तव में चाहते हैं कि भारत, अमेरिका का सबसे मजबूत दोस्त और 21वीं सदी में उसका सबसे बेहतरीन सहयोगी हो। उन्होंने कहा कि बाइडेन इसमें यकीन रखते हैं।

बाइडेन के पुराने दोस्त ने क्या कहा?
चटर्जी ने कहा कि भारत-अमेरिकी रिश्ते अब व्यक्तियों पर निर्भर नहीं करते हैं। बाइडेन के पुराने दोस्त चरटर्जी ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते गहरे हैं तथा और बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि बाइडेन ने हमेशा भारत-अमेरिकी संबंधों का समर्थन किया है, अगर सीनेट विदेश संबंध समिति के प्रमुख के तौर पर बाइडेन की भूमिका नहीं होती तो ऐतिहासिक परमाणु करार अमेरिकी कांग्रेस से कभी पारित नहीं हो पाता। चटर्जी ने कहा कि उस समय रिपब्लिक पार्टी की सरकार थी और बाइडेन ने डेमोक्रेट के तौर पर अहम भूमिका निभाई, क्योंकि वह भारत-अमेरिका रिश्तों में दृढ़ विश्वास रखते हैं।

2005 में हुई थी परमाणु समझौते की शुरुआत
बता दें कि भारत-अमेरिका के बीच 2005 में परमाणु समझौते की शुरुआत हुई थी। 1974 में भारत द्वारा पहला परमाणु परीक्षण करने के बाद अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके करीब 30 साल बाद यह समझौता हुआ था। ऐतिहासिक करार पर जॉर्ज बुश के कार्यकाल में हस्ताक्षर किए गए थे।

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