दुनिया में जारी उथल-पुथल के माहौल के बीच अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है। आइए जानते हैं कि क्या था इस मुलाकात का कारण।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व एनएसए एचआर मैक मास्टर ने अपनी किताब में कई चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने भारत-अमेरिका के गहरे संबंधों की वजह को चीन की आक्रामकता बताई है। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल की वर्किंग स्टाइल की जमकर तारीफ की है।
समुद्र में विभिन्न देशों की जहाज पर हुए हमलों के दौरान भारतीय नाविकों ने जिस तरह से समुद्री लुटेरों और चरमपंथियों को पस्त करके उन्हें भागने पर मजबूर किया, उस पर अमेरिका फिदा हो गया है। लिहाजा अमेरिका भारतीय नौसेना के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा को विस्तार देने का ऐलान किया है। वह भारत को विशेष एंटी सबमरीन भी दे रहा है।
भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने जा रही है। इसके तहत दोनों देश मिलकर मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन करेंगे। भारत में बने हथियार अब पूरी दुनिया पर राज करेंगे। अमेरिका भारत का साथ पाकर चीन को काउंटर करने में भी सक्षम होगा।
अमेरिका के साथ भारत अपनी रणनीतिक साझेदारी को लगातार मजबूत कर रहा है। अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के बीच वाशिंगटन में रक्षा, सुरक्षा से लेकर औद्योगिक सहयोग जैसे मुद्दों पर व्यापक वार्ता हुई है।
भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध अब और अधिक मजबूत होने जा रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी से उपजी चिंताओं के बीच अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को उच्च शिखर पर ले जाना चाहता है। इसीलिए अमेरिकी उप विदेश मंत्री रिचर्ड आर वर्मा 5 दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जब रूस की यात्रा की थी तब अमेरिका ने इस यात्रा पर निराशा जताते हुए इसकी आलोचना की थी। अब भारत ने भी अमेरिका को सख्त संदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं भारत ने क्या-क्या कहा।
अमेरिकी राजदूत ने कहाकि दूसरे देश भी उम्मीद कर रहे हैं कि ये रिश्ते कामयाब हों। क्योंकि अगर ये कामयाब होते हैं, तो यह केवल एक प्रतिसंतुलन नहीं बनेगा, बल्कि यह एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम साथ मिलकर अपने हथियार विकसित कर रहे हैं, साथ मिलकर अपने प्रशिक्षण को एकीकृत कर रहे हैं।
पीएम मोदी का रूस दौरा समाप्त होने के बाद अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है। पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस के साथ संबंधों में नजदीकी बढ़ने के बावजूद भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन में शांति के लिए भारत रूस से आग्रह करके मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगा।
लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत बंद है। ऐसे में भारत-पाकिस्तान रिश्तों और आतंकवाद को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर से बयान दिया है।
भारत और अमेरिका के रिश्ते किस तरह से पिछले कुछ माह में बदले या मजबूत हुए हैं, इसे लेकर अमेरिका की ओर से नया बयान सामने आया है। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत और अमेरिका के मौजूदा रिश्तों की सच्चाई बताई है।
अमेरिका ने कहा है कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंधों का खतरा है। बता दें कि भारत-ईरान ने हाल ही में चाबाहार बंदरगाह को लेकर एक डील की है।
वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान टॉप 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है। इससे न केवल आयात और निर्यात प्रभावित हुआ है।
ईरान-इजरायल युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच भारत-अमेरिका ने अपनी रणनीतिक साझेदारी और सतर्कता पर अधिक फोकस करना शुरू किया है। मध्य-पूर्व के हालात और रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अशांति ने तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बढ़ा दिया है। ऐसे में विदेश सचिव विनय क्वात्रा वाशिंगटन में हैं।
आठ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर जवाबी शुल्क हटाने के भारत के फैसले के बाद अब अमेरिका अतिरिक्त 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत शुल्क का भुगतान किए बिना भारत से इन आयातों की परमिशन दे रहा है।
टू-प्लस-टू वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका द्वारा मिलकर किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा दिया। साथ ही देनों देशों की दोस्ती को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।
भारत-अमेरिका के बीच आज होगी "टू-प्लस-टू वार्ता" आज नई दिल्ली में शुरू होने जा रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इसके लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उनके साथ दोनों देशों के रक्षा और विदेश संबंधों को नया मुकाम देंगे।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन कल शुक्रवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। वह नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ टू-प्लस-टू वार्ता में शामिल होंगे। इस दौरान भारत-अमेरिका के रक्षा और विदेश संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने व वैश्विक सुरक्षा पर चर्चा होगी।
भारत-अमेरिका के बीच शीघ्र टू-प्लस-टू वार्ता नई दिल्ली में होने वाली है। इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत आएंगे। वह यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। भारत और अमेरिका इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर अहम रणनीति बनाएंगे।
भारत और अमेरिका की दिल्ली में होने वाली "टू प्लस टू वार्ता" से पाकिस्तान और चीन में खलबली है। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयल ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इस वार्ता के लिए दिल्ली आ रहे हैं। वह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक साथ वार्ता करेंगे।
संपादक की पसंद