अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया, भले ही भारत अमेरिका का करीबी साझेदार है। रुबियो ने भारत के साथ संबंधों की मजबूती और बातचीत जारी रखने पर जोर दिया।
भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर शशि थरूर ने कहा कि भले ही अल्पकालिक झटका लगा हो, लेकिन दोनों देशों के दीर्घकालिक हित अंततः उन्हें एक समान स्तर पर लाएंगे।
भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों एस. जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई, जहां दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। दोनों देशों के बीच विशेष रूप से क्वाड, व्यापार, रक्षा, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों का एक दल 16 सितंबर, 2025 को भारत आया था।
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने हाल में हुए डेवलपमेंट को देखते हुए यह उम्मीद जाहिर की है। द्विपक्षीय टैरिफ विवाद की वजह से कई भारतीय उत्पादों पर कुल मिलाकर 50% तक शुल्क लग रहा है।
भारत और अमेरिका ने टैरिफ विवाद के बावजूद चंद्रमा और मंगल मिशन में दोस्ती का नया उदाहरण पेश किया है। आने वाले दिनों में दोनों देशों ने अंतरिक्ष में साझेदारी को मजबूत करने वाला कदम उठाया है।
वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने किया।
भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने भारत को अपने पाले में करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता करार दिया है। उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को सुधारने और उसे चीन से दूर करने को अपना मुख्य मकसद बताया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत पहले ही मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते कर चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पीएम मोदी को लेकर किए गए पोस्ट का पीएम मोदी ने जवाब दिया है। पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताया है।
भारत ने यह साबित कर दिया है कि यह 21वीं सदी का हिंदुस्तान है, जो अमेरिका जैसे देशों के आगे भी घुटने नहीं टेकता, बल्कि पूरी दुनिया को अपने कदमों में झुकाने का दम रखता है।
नई दिल्ली में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन को अमेरिका द्वारा लगाए गए अनुचित टैरिफ का मिलकर मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने आर्थिक सहयोग, आतंकवाद के विरोध और सीमा विवाद पर सकारात्मक संवाद को अहम बताया।
भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बदले सुर पर शशि थरूर ने कहा कि मैं इस नए माहौल का स्वागत सावधानी के साथ करूंगा। कोई भी इतनी जल्दी भूलकर माफ नहीं कर सकता है।
अमेरिका से टैरिफ विवाद के दौरान भारत और इजरायल में मुक्त व्यापार समझौता होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इजरायल के वित्त मंत्री 8 सितंबर से इसके लिए भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
अमेरिकी प्रशासन में ऐसे कई लोग हैं जो कहते हैं कि ट्रम्प जितनी जल्दी गरम होते हैं उतनी जल्दी नरम भी हो जाते हैं। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि भारत से दोस्ती टूटने से नुकसान होगा।
भारत और अमेरिका के बीच छिड़े टैरिफ विवाद के दौरान एक दिन पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदले हुए दिखे। ट्रंप ने कहा-लगता है कि उन्होंने भारत को रूस और चीन के हाथों खो दिया। ट्रंप ने मोदी को महान प्रधानमंत्री बताया। इस घटनाक्रम को एक्सपर्ट किस नजरिये से देखते हैं। आइये समझते हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते बेरोजगारी 4.3 फीसदी तक पहुंच गई है और महंगाई बढ़ रही है। अगस्त में सिर्फ 22,000 नई नौकरियां बनीं। फैक्ट्रियों, निर्माण और तेल क्षेत्रों में हजारों नौकरियां घटी हैं। एक्सपर्ट्स ट्रंप की रणनीति को अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने आरोप लगाया कि भारत को दूसरों की परवाह नहीं है, वे बस सस्ते में तेल खरीदकर ढेर सारा पैसा कमाना चाहते हैं। लुटनिक ने कहा कि भारत को ये तय करना होगा कि वे किस पक्ष में रहना चाहते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमेशा दोस्त रहेंगे और भारत-अमेरिका के रिश्ते 'खास' हैं। हालांकि, भारत के रूस से तेल खरीदने पर उन्होंने नाराजगी जताई।
भारत पर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ का मामला अब अमेरिका की शीर्ष अदालत तक पहुंच गया है। ट्रंप को यह सफाई पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि उन्होंने भारत जैसे देश पर इतना अधिक टैरिफ क्यों लगाया?
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