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Rajat Sharma's Blog | भारत-अमेरिका संबंध: ट्रम्प से टकराव थोड़ी देर का

अमेरिकी प्रशासन में ऐसे कई लोग हैं जो कहते हैं कि ट्रम्प जितनी जल्दी गरम होते हैं उतनी जल्दी नरम भी हो जाते हैं। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि भारत से दोस्ती टूटने से नुकसान होगा।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Sep 06, 2025 03:42 pm IST, Updated : Sep 06, 2025 03:42 pm IST
Rajat sharma, INDIA TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आखिरकार मान लिया है कि भारत के खिलाफ उनकी बयानबाजी का दांव उल्टा पड़ गया। भारत पर 50% टैरिफ लगाने की चाल ने भारत को अमेरिका से दूर कर दिया। 

ट्रम्पको एहसास हो गया कि वो मोदी को झुकाने में फेल हो गए। ट्रम्प ने  सोशल मीडिया पर यह कह कर सब को चौंका दिया कि " ऐसा लगता है कि अमेरिका ने भारत और रूस का साथ खो दिया है, भारत और रूस अब गहरे अंधेरे में  चीन के साथ खड़े हो गए हैं। "

इसके बाद ट्रम्प ने तंज़ कसते हुए लिखा कि भगवान करे कि इन तीनों का भविष्य उज्ज्वल हो। जहां ट्रम्प ने ये सब लिखा, वहां ट्रम्प ने मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की तस्वीर लगाई।

ट्रम्प के इस बयान पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उधर, ट्रम्प ने शुक्रवार को ही पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम भारत को चीन के हाथों खो चुके हैं। वैसे मैं भारत द्वारा रूस से तेल खरीदे जाने को लेकर बहुत निराश था। और ये बात मैंने उन्हें बता दी। 

ट्रम्प ने इसके साथ ही उसी पत्रकार वार्ता में भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया। ट्रम्प ने कहा, मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। मोदी एक महान प्रधानमंत्री हैं। वो वाकई महान हैं। लेकिन इस वक्त वह जो कर रहे हैं वह मुझे पसंद नहीं है। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध है। इसे लेकर चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं। 

इसके फौरन बाद दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर ये कमेंट लिखा,  मैं राष्ट्रपति ट्रम्प की भावनाओं और हमारे आपसी संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की तहे दिल से सराहना और समर्थन  करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक अत्यन्त सकारात्मक और भविष्योन्मुखी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। 

डोनाल़्ड ट्रम्प ने अपने पोस्ट में भले ही तंज़ कसा हो लेकिन इससे हताशा भी झलकती है। इसमें हताशा भी है, गलती का एहसास भी।

ट्रम्प ने पहली बार चीन को वैश्विक शक्ति होने का certificate दिया है। पहली बार स्वीकार किया कि भारत, रूस और चीन के साथ आने से वो परेशान हैं।

ट्रम्प जानते हैं कि भारत को चीन की तरफ धकेलने के लिए वो खुद ज़िम्मेदार हैं पर वो अपनी गलती कभी नहीं मानेंगे। सारी दुनिया ने देखा कि ट्रम्प ने भारत के साथ ज्यादती की। मोदी को अपने बयानों से उकसाया, डराने की कोशिश की।  पर मोदी न झुके, न डरे, न समझौता किया।

भारत का जवाब सटीक, सोचा-समझा और निशाने पर लगने वाला था। अमेरिका के experts कई दिन से कह रहे थे कि ट्रम्प ने भारत जैसे पुराने दोस्त को दुश्मन बना दिया।

आज ट्रम्प ने भी अपने action से इसे स्वीकार किया। सवाल ये है कि क्या भारत और अमेरिका के रिश्तों में दरार गहरी है, स्थायी है?

अमेरिकी प्रशासन में ऐसे कई लोग हैं जो कहते हैं कि ट्रम्प जितनी जल्दी गरम होते हैं उतनी जल्दी नरम भी हो जाते हैं। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि भारत से दोस्ती टूटने से नुकसान होगा।

अगर ट्रम्प थोड़े दिन में बदल जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। लेकिन भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है।  stand clear है। भारत और अमेरिका के रिश्ते किसी एक व्यक्ति के मूड के मोहताज नहीं हैं। आज का भारत बदला हुआ भारत है। अपने आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 सितंबर, 2025 का पूरा एपिसोड

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