नई दिल्ली: 'जी राम जी' बिल पास को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने INDIA TV से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमारे प्रेरणास्त्रोत हैं। गांधी जी एक व्यक्ति नहीं विचार हैं। बीजेपी ने पंच निष्ठाओं में गांधी जी के दर्शन को स्वीकार किया है। हम गांधी जी को मानते हैं लेकिन गांधी जी की भी मानते हैं। गांधी जी कहते थे असली भारत गांवों में बसता है। गांधी जी कहते थे गांव भारत की आत्मा है। गांधी जी कहते थे गांव खत्म हुए तो भारत खत्म हो जाएगा। गांधी जी ने हमेशा स्वावलंबी गांव की बात की है। G-RAM-G नाम गांधी जी के विचारों को प्रतिबिंबित करता है।
मनरेगा में थीं बहुत सारी कमियां- शिवराज
शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक, मनरेगा में बहुत सारी कमियां थीं, लोग जानते हैं। बहुत चर्चा के बाद G-RAM-G योजना बनाई गई। UPA की सरकार में जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला है। नाम बदलने से क्या जवाहर लाल जी का सम्मान कम हो गया? G-RAM-G बिल पर विपक्ष बेकार का विवाद कर रहा है। कांग्रेस ने गांधी जी के नाम का गलत इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने चुनाव की वजह से मनरेगा में गांधी जी का नाम जोड़ा। 2009 के लोकसभा चुनाव के समय गांधी जी का नाम जोड़ा। गांधी जी ने आजादी के बाद कांग्रेस भंग करने की बात कही थी। देश का विभाजन भी बापू के विचारों की हत्या थी।
शिवराज ने कांग्रेस पर बोला जुबानी हमला
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और घोटालों का रिकॉर्ड बनाया। कांग्रेस को बापू का नाम भी लेने का हक नहीं है। मनरेगा में पारदर्शिता नहीं थी। मनरेगा में काम मशीनों से होता था, नाम मजदूरों का होता था। मनरेगा का पैसा ठेकेदारों के पास चला जाता था। मनरेगा के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं हुआ। मनरेगा में मजदूरों का शोषण हो रहा था। G-RAM-G योजना में 125 दिन रोजगार की गारंटी है। मनरेगा की कमियों को दूर करने की बहुत सारी कोशिशें हुईं। नई योजना में बेरोजगारी भत्ता देने की कानूनी गारंटी है।
देरी से मजदूरी मिलने पर मिलेगा मुआवजा- शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई योजना में मजदूरी देरी से मिलने पर मुआवजा मिलेगा। नई योजना पर लोकसभा में सभी सवालों का जवाब दिया। डेढ़ बजे रात तक लोकसभा में सवालों पर जवाब दिया। लोकसभा में मेरे बोलने के दौरान हंगामा किया गया। विपक्ष के लोग स्पीकर के सामने टेबल पर चढ़ गए। भारी हंगामे के बीच सवालों का जवाब दिया। विपक्षी दलों ने संसद को भीड़तंत्र बना दिया। ग्राम सभा या पंचायत तय करेंगी, कौन-कौन सा काम होना है। गांवों में जरूरत के हिसाब से काम होंगे। नई योजना के लिए जरूरत के हिसाब से स्टाफ रखे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि गांव के विकास के प्लान को पीएम गतिशक्ति से जोड़ा गया है। मोबाइल पर लोगों को जानकारी मिलेगी कि कौन सा काम हो रहा है। मोबाइल पर लोगों को पता चलेगा कितने मजदूरों को काम मिला। कितने पैसे कहां खर्च हुए उसकी जानकारी भी मिलेगी। पंचायत भवन में काम और मजदूरों की जानकारी दी जाएगी। नई योजना में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। विकसित गांव बनाना और रोजगार हर हाल में देना है। मजदूरी समय-समय पर बढ़ती रहेगी।
ये भी पढ़ें-